(विजय काटकर)
अफगानिस्तान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कौन किसके साथ है इसकी तस्वीर साफ नजर नही आ रही है । फिर भी अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनाने के लिए पाकिस्तान का दखल बढता जा रहा है लेकिन उसे दूसरी ओर मुंह की भी खानी पड रही है क्योकि आतंकवाद की फेक्ट्री बना पाकिस्तान अपने मन्सूबो को पूरा करने के लिए ऐडी चोटी की ताकत लगा रहा है लेकिन दुनिया के सामने उसकी पाेेल खुुल चुकी है । पाकिस्तान अफगानिस्तान की सरकार बनाने में दो गुटो के बीच में जहां फसा हुआ है वही पंजशीर में उसके द्वारा की गई एयर स्ट्राईक से उसके मंसूबो पर पानी फिरता दिख रहा है क्योकि पाकिस्तान चाहता है कि अफगानिस्तान की सरकार में हक्कानी नेटवर्क का प्रभुत्व कायम हो सके लेकिन दूसरी ओर तालिबान के मुल्ला बरादर को कमजोर करने की कोशिश भी चल रही है जो असंभव सी लगती है जबकि अफगान सरकार बनाने में सभी वर्गो को शामिल किया जाना चाहिए जिसके ना होने से अफगानिस्तान में विद्राेेह की चिंंगारी पाकिस्तान और तालिबान के खिलाफ भडक चुकी है इसका अंजाम भविष्य में देखने को मिलेगा ।
चीन, अमेरिका, रूस की भूमिका पर दुनिया के लोग सवाल उठा रहे है कि पाकिस्तान और तालिबान को कौन सा देश आर्थिक और राजनैतिक समर्थन दे रहा है जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मददगार साबित हो रहा है और वह अपने मंसूबो के लिए कुछ भी करने को तैयार है । इस मसले पर भारत “वेट एवं वांच” की स्थिति में है ।
काबुल में पाकिस्तान दूतावास के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबान ने गोलियां दागी हैं। प्रदर्शन के दौरान किसी प्रदर्शनकारी की मौत या घायल होने की अभी कोई खबर नहीं आई है। आईएसआई चीफ के दौरे के विरोध में लोग नारेबाजी कर रहे थे। उनका कहना था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के मामलों में दखलंदाजी कर रहा है।
फायरिंग के बाद काबुल में प्रदर्शन की कवरेज पर पत्रकार और फोटोग्राफर्स को पकड़ने की खबर सामने आ रही हैं। तालिबान ने टोलो न्यूज के कैमरापर्सन व पत्रकार को हिरासत में लिया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख फैज हमीद ने पिछले दिनों काबुल का दौरा किया था। 70 के करीब महिलाएं और पुरुष इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। उनका कहना था कि पाक सरकार बेवजह अफगानिस्तान में दखल दे रही है। अमेरिकी सेना के जाने के बाद काबुल के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। यहां तक कि हवाई अड्डा अभी तक संचालित नहीं हो पाया है।
पंजशीर में तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमला
इससे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत पर कब्जे का दावा किया था । गवर्नर हाउस पर झंडा लगाते एक वीडियो भी जारी किया गया था लेकिन 24 घंटे के अंदर तालिबान पर बड़े हमले की खबर है ।
अफगानिस्तान में काबुल के पास पंजशीर घाटी पर कब्जे को लेकर तालिबान और नॉर्दन अलायंस रेजिस्टेंस फोर्स के बीच जारी जंग के बीच बड़ी खबर ये है कि पंजशीर में तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमला हुआ है । इस हमले में कई आतंकियों की मौत की खबर है । इससे पहले ही तालिबान ने अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत पर कब्जे का दावा किया था । गवर्नर हाउस पर झंडा लगाते एक वीडियो भी जारी किया गया था लेकिन 24 घंटे के अंदर तालिबान पर बड़े हमले की खबर है । ताजा जानकारी के मुताबिक पंजशीर घाटी में अब भी जबरदस्त लड़ाई चल रही है । दोनों ओर से जबरदस्त गोलाबारी-फायरिंग हो रही है और इसके साथ ही तालिबान वाले इलाके पर हवाई हमला भी हो रहा है । इस हमले में कौन-कौन नॉर्दर्न अलायंस रेजिस्टेंस फोर्स का साथ दे रहा है, ये फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है । लेकिन ये साफ हो गया है कि तालिबान जो दावा कर रहा था, उसमें दम नहीं है ।
पंजशीर पर कब्जे की लड़ाई
उधर दावा किया जा रहा है कि पंजशीर के शेर कहे जाने वाले शाह अहमद मसूद के बेटे पिछले 3 दिन से ताजिकिस्तान में हैं, इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि हवाई हमला तजाकिस्तान या फिर रुस की ओर से किया गया हो। पंजशीर पर कब्जे के लिए पिछले 25 दिनों से लड़ाई चल रही है। सोमवार की रात को तालिबान के हमले में रेजिस्टेंस फोर्सेस के प्रवक्ता और जनरल की मौत हो गई थी जिसके बाद अहमद मसूद ने 19 मिनट का ऑडियो जारी किया।अहमद मसूद ने कहा हमारे लडाके पंजशीर में अकेले तालिबान से नहीं लड रहे बल्कि पाकिस्तान का भी सामना कर रहे हैं.। मसूद ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान लगातार तालिबान की मदद कर रहा है और कल हुए एरियल अटैक में पाकिस्तान के ड्रोन और वहां की एयरफोर्स के विमान भी शामिल थे।
तालिबान के कब्जे का दावा
तालिबान ने अपने विरोधियों के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान के आखिरी प्रांत पंजशीर को नियंत्रण में लेने का दावा किया था। सुरक्षा कारणों से पहचान गोपनीय रखते हुए चश्मदीदों ने बताया कि हजारों की संख्या में तालिबान लड़ाकों ने पूरी रात कार्रवाई कर पंजशीर के आठ जिलों पर कब्जा कर लिया। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सोमवार को एक बयान जारी कर पुष्टि की, कि पंजशीर अब तालिबान लड़ाकों के नियंत्रण में है। मुजाहिद ने बाद में काबुल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने बातचीत के जरिये समस्या का समाधान करने की पूरी कोशिश की लेकिन उन्होंने बातचीत करने से इनकार कर दिया जिसके बाद हमने लड़ाकों को भेजा।’’