नवरात्रि के दौरान शहर में मांस को खुले में बेचना प्रतिबंधित रहेगा मांस विक्रेताओं को इससे…
Category: धार्मिक
भोपाल शहर में स्नेह और सद्भाव से भुजरिया पर्व मनाया गया
रक्षाबंधन के दूसरे दिन शहर में स्नेह और सद्भाव से भुजरिया पर्व मनाया गया लोगों ने…
भोपाल के विकास के लिए एक नया इतिहास शुरु होगा
संकल्प पत्र जारी करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा विवाह पटेल सिर्फ राजनीतिक शक्ति नहीं…
खुद आदिवासी समाज को ही आदिवासीयत के संरक्षण के लिए नयी सोच के साथ आगे आना होगा गोटुल लायब्रेरी।
सामाजिक असमानता एवं बहिष्कार का यह रोजमर्रापन इनका इस प्रकार रोजाना घटित होना इन्हें स्वाभाविक बना देता है।
हमें लगने लगता है कि यह एकदम सामान्य बात है, ये कुदरती चीजे हैं जिन्हें बदला नहीं जा सकता। अगर हम असमानता एवं बहिष्कार को कभी-कभी अपरिहार्य नहीं भी मानते हैं तो अक्सर उन्हें उचित या ‘न्यायसंगत’ भी मानते हैं। शायद लोग गरीब अथवा वंचित इसलिए होते हैं क्योंकि उनमें या तो योग्यता नहीं होती या वे अपनी स्थिति को सुधारने के लिए पर्याप्त परिश्रम नहीं करते। ऐसा मानकर हम उन्हें ही उनकी परिस्थितियों के लिए दोषी ठहराते हैं। यदि वे अधिक परिश्रम करते या बुद्धिमान होते तो वहाँ नहीं होते जहाँ वे आज हैं।
गौर से देखने पर हम यह पाते हैं कि जो लोग समाज के सबसे निम्न स्तर के हैं, वही सबसे ज्यादा परिश्रम करते हैं। एक दक्षिण अमेरिकी कहावत है, “यदि परिश्रम इतनी ही अच्छी चीज़ होती तो अमीर लोग हमेशा उसे अपने लिए बचा कर रखते!” संपूर्ण विश्व में पत्थर तोड़ना, खुदाई करना, भारी वजन उठाना, रिक्शा या ठेला खींचना जैसे कमरतोड़ काम गरीब लोग ही करते हैं। फिर भी वे अपना जीवन शायद ही सुधार पाते हैं। ऐसा कितनी बार होता है कि कोई गरीब मज़दूर एक छोटा-मोटा ठेकेदार भी बन पाया हो? ऐसा तो केवल फ़िल्मों में ही होता है कि एक सड़क पर पलने वाला बच्चा उद्योगपति बन सकता है। परंतु फ़िल्मों में भी अधिकतर यही दिखाया जाता है कि ऐसे नाटकीय उत्थान के लिए गैर कानूनी या अनैतिक तरीका जरूरी है।
आदिवासी भाषाएँ, संस्कृति, जीवन मूल्य, सोच, दर्शन और परंपराएँ इस देश की मौलिक विरासत है। इनकी विलुप्ति सम्पूर्ण आदिवासी जीवन धारा की मृत्यृ होगी। इसे बचाने के लिए अपनी सोच और चिंतन तथा जीवन और समाज में इसे जगह देना होगा। विशाल भारतीय समाज में विविधता और बहुलता बनी रहे इसके लिए तो खुद आदिवासी समाज को ही आदिवासीयत के संरक्षण के लिए नयी सोच के साथ आगे आना होगा। बाहरी वर्चस्ववाद का मुकाबला अपनी भाषाओं, संस्कृतियों, परंपराओं, सोच-विचार, विश्वास, मूल्य, कल्पना-परिकल्पना, आदर्श, व्यवहार को बचा कर ही किया जा सकता है।
सांसद नवनीत राणा और उनके पति गिरफ्तार, कल कोर्ट में होगी पेशी
शिवसेना की शिकायत पर पुलिस ने सांसद नवनीत राणा और उनके पति को गिरफ्तार कर लिया…
आदिवासियों की धर्मस्थली का पट्टा दिये जाने गोंडवाना महासभा ने पाॅढुर्णा में दिया धरना सौंपा ज्ञापन मार्च को होगा जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन एवं जेल भरो आंदोलन
छिंदवाड़ा – गोंडवाना महासभा के जिलाध्यक्ष ठा. प्रहलाद सिंह कुसरे के नेतृत्व में 23 फरवरी बुधवार…
महिला को पूजा करने से रोका 20 पुजारियों के ऊपर एससी एसटी एक्ट के तहत केस..
चेन्नई| तमिलनाडु के चिदंबरम मंदिर के 20 पुजारियों के खिलाफ एसटीएससी अत्याचार निवारण एक्ट के तहत…
युवा नेता समाजसेवी विष्णु विश्वकर्मा द्वारा विश्वकर्मा भगवान की हवन करें अपने साथियों के साथ लोगों में प्रसाद वितरण की
गोंडवाना लैंड न्यूज़/खबर/ एम जी सरवर युवा नेता समाजसेवी विष्णु विश्वकर्मा द्वारा कंकाली मंदिर में पूजा…