सामान्‍य श्रेणी का मानती है मध्‍यप्रदेश सरकार

आए दिन ऐसे अनाथ बच्चों के मिलने की खबरें आती है इन्हें सामाजिक संस्थाएं पार्टी और पढ़ाती है कुछ बच्चों को लोग कानूनी तौर पर अपना लेते हैं लेकिन जो संस्थाओं में पल रहे हैं उन्हें सरकार सामान्य श्रेणी का मानती है यह बच्चे कंपटीशन में पिछड़ जाते हैं
[20:32, 3/7/2022] Aarohi: सैकड़ों बच्चे पुनर्वास के इंतजार में प्रदेश के सभी जिलों में अनाथ शिशु के मिलने की खबर आती है महिला बाल विकास विभाग में कितने सीट निकले पालना केंद्र खोले हैं जिससे बच्चों की जान बचाई और आश्चर्य मिल सके साल भर में 1000 से अधिक मामले आ जाते हैं इस साल 175 कम उम्र के बच्चों को कानूनी तौर पर को दें दिया गया दो-तीन साल की उम्र के बाद बच्चों को गोद लेने वाले कम मिलते हैं करीब 250-300 ऐसे बच्चे इन केंद्रों में अभी है बाल ग्रहों में करीब 500 ऐसे बच्चे हैं जिनका पुनर्वास नहीं हो पाए विधायक ने उठाया सवाल भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने इन बच्चों को सामान्य श्रेणी का मानने पर सवाल उठाया है उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है उन्होंने ऐसे बच्चों को शिक्षा नौकरी में विशेष विशेष कोटे की मांग उठाई है सिसोदिया ने कहा कि अनाथ बच्चों को सामान्य श्रेणी का मान लेने से उनके साथ अन्याय हो रहा है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *