रातापानी सेंचुरी देश की पहली ऐसी सेंचुरी बन गई है, जिसमें बाघ, तेंदुओं और तितलियों के अलावा अब पक्षियों की प्रजातियों की भी गणना हो रही है। खास बात यह है कि विभिन्न राज्यों के वन विभाग के कर्मचारी भी छुट्टी लेकर वॉलंेटियर के रूप में पक्षियों की गणना करने आए हैं। उनका कहना है कि पक्षियों की गणना का अनुभव अलग ही है। शनिवार को हुई गणना में उन्हें 180 प्रजाति के पक्षी मिले। इसमें स्थानीय, प्रवासीय में जलीय व स्थालीय पक्षी दोनों शामिल थे। यह गणना रविवार को भी जारी रहेगी।
पहली बार दिखा हिमालय का ब्लू कैप्ड रॉक थ्रश पक्षी
काउंटिंग के दौरान दुर्लभ दिखाई देने वाले पक्षी ग्रे बेल्लीड कुकु को बिलखेड़ा में देखा गया। यह पक्षी पैसेज माइग्रेंट है। इसके अलावा ब्लू कैप्ड रॉक थ्रश को पहली बार रातापानी सेंचुरी में देखा गया। यह पक्षी हिमालय से यहां पहुंचा। इस पक्षी में नर का सर, गाल एवं गला सुन्दर नीले रंग का होता है। इसके अलावा सारस, एशियन ओपन बिल्ड, ब्लैक रम्पड फ्लैमबैक आदि पक्षी भी दिखाई दिए।
कौन-कौन से पक्षी मिले… प्रवासी पक्षियों में रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, ब्लैक हेडेड आइबिस, रेड नेपड आइबिस, नॉर्थेर्न शोवलर, कॉमन टील, गार्गेनि, पाइड एवोसेट, ब्लैक हेडेड बंटिंग,रेड हेडेड बंटिंग, ब्रह्मिनी शेल्डक, ब्लू थ्रोट, लैसर वाइट थ्रोट, ग्रीन सैंडपीपर, ब्लैक हेडेड गल्ल, पर्पल हेरॉन, लार्ज कोर्मोरेंट, साइबेरियन स्टोन चैट, यूरेशियन कूट, ग्रे बेल्लीड कुकु आदि।
3 हजार से ज्यादा पक्षी दिखाई दिए
सेंचुरी में हुई पक्षी गणना में 180 प्रजाति के तकरीबन 3 हजार से अधिक पक्षी दिखाई दिए। सेंचुरी में पहली बार पक्षी गणना की गई। इसका रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है, ताकि पता चल सके कि कितने और कौन से पक्षी सेंचुरी में आते हैं।