संपादक एम.जी सरवर द्वारा
कल दिनांक 29/01/2022 को सामान्य पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स संस्था) की प्रान्तीय बैठक आयोजित की गई।
बैठक में दिनांक 28/01/2022 को मा. सर्वोच्च न्यायालय की तीन जजों की पीठ द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले पर विचार विमर्श किया गया।
उल्लेखनीय कि मप्र पदोन्नति नियमों को दिनांक 30/04/2016 को मा. उच्च न्यायालय ने एम. नागराज प्रकरण में निर्धारित मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुरूप न पाते हुए असंवैधानिक करार देकर हुए खारिज कर दिया था। कल मा. सर्वोच्च न्यायालय ने पुनः यह स्पष्ट कर दिया कि एम नागराज और जरनैल सिंह प्रकरण में निर्धारित मापदंडों का पालन करते हुए ही किसी प्रकार के नियम बनाए जा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि मप्र पदोन्नति नियमों को दिनांक 30/04/2016 को मा. उच्च न्यायालय ने एम. नागराज प्रकरण में निर्धारित मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुरूप न पाते हुए असंवैधानिक करार देकर हुए खारिज कर दिया था कल मा सर्वोच्च न्यायालय ने पुनः यह स्पष्ट कर दिया कि एम नागराज और जरनैल सिंह प्रकरण में निर्धारित मापदंडों का पालन करते हुए ही किसी प्रकार के नियम बनाए जा सकते हैं।
अब यह स्पष्ट है कि मप्र सरकार द्वारा वर्ग विशेष के लिए अनावश्यक रूप से प्रदेश में पदोन्नति की प्रक्रिया रोक कर रखी है जबकि अनारक्षित श्रेणी में पदोन्नति हेतु किसी प्रकार की कोई रोक न तो उच्च न्यायालय ने लगाई थी न ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नतिया रोकी गई थीं। संस्था लगातार इस तथ्य से स्वयं मुख्यमंत्री एवं अन्य संबंधितों को अवगत कराती रही तथा सपाक्स वर्ग की पदोन्नतिया करने की गुहार लगाती रही लेकिन सरकार ने वर्ग विशेष के लिए अनुराग के चलते इस पर कोई भी कार्यवाही नहीं की। स्पष्ट है कि मप्र सरकार पूरी तरह से 64% वर्ग के
हितों को दरकिनार कर विगत 6 वर्षों से अन्याय कर रही है। नतीजा यह कि सरकार द्वारा हजारों कर्मचारी बिना पदोन्नति व आर्थिक लाभ के सेवानिवृत कर दिए गए जबकि ऐसे कर्मी सरकार द्वारा उच्च पदों पर स्थापित किए गए जिन्हें वास्तव में वहां होना ही नहीं चाहिए जहां वे है।
कल के निर्णय में मा. पीठ ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि एम. नागराज के वर्ष 2006 के निर्णय के बाद से ऐसे कोई भी नियमों, जो एम. नागराज प्रकरण के सिध्दांतो का परिपालक नहीं करते के अंतर्गत की गई सभी पदोन्नतिया गलत हैं अतः ऐसे नियमों से लाभान्वित सभी कर्मी पदादनत होंगे जैसा कि मा. उच्च न्यायालय जबलपुर ने अपने निर्णय में कहा
संस्था एक बार फिर मा मुख्यमंत्री जी, पदोन्नति नियमों हेतु गठित मंत्री समूह से अनुरोध करती है कि संविधान प्रदत्त व्यवस्था के अनुरूप ही किसी प्रकार के नए नियम बनाए जाए तथा जब तक प्रकरण में अंतिम निर्णय नहीं आता. सामान्य पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग के कर्मियों की पदोन्नतियां तत्काल प्रारंभ करे। संस्था इस संबंध में एक बार फिर मा मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन देकर उनसे कार्यवाही सुनिश्चित करने की अपील करेगी संस्था की सभी जिला तहसील स्तर की इकाइयां अगले सप्ताह जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपेंगी।
दि 24 फरवरी से प्रकरण में निरंतर सुनवाई होनी है। 26/27 फरवरी को भोपाल में निर्धारित कोविड नियमों का पालन करते हुए संस्था का प्रांतीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा और सरकार द्वारा कोई सार्थक कार्यवाही न करने की स्थिति में प्रांतीय सम्मेलन में प्रदेश व्यापी गतिविधियों की रूपरेखा निश्चित कर एक बार फिर पूर्व की तरह जन जागरूकता हेतु आंदोलन खड़ा किया जावेगा।
बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष श्री डॉ केएस तोमर जी, संस्थापक श्री अजय जैन जी, श्रीमती रक्षा दुबे जी, श्री डी एस भदौरिया जी, श्री जेएस गुर्जर जी, सचिव श्री राजीव खरे जी, कोषाध्यक्ष श्री राकेश नायक जी. श्री एस के श्रीवास्तव, श्री आशीष भटनागर जी, श्री पंकज तिवारी जी, सपाक्स समाज प्रांतीय अध्यक्ष डॉ केएल जी, संयोजक श्री प्रसंग परिहार जी, सपाक्स समाज प्रांतीय महासचिव श्री भानु तोमर जी, सपाक्स युवा प्रांतीय कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष श्री चेतन सिंह चंदेल, प्रदेश सचिव श्री गजेंद्र रघुवंशी जी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।