निर्भया स्वाधार गृह में 73 वां गणतंत्र दिवस समारोह उल्लास पूर्वक मनाया गया।

निर्भया स्वाधार गृह में 73 वां गणतंत्र दिवस समारोह उल्लास पूर्वक मनाया गया हालाकि कोरोना वायरस महामारी के चलते इस बार का गणतंत्र दिवस थोड़ा अलग रहा ।


इस अवसर पर थाना प्रभारी शाहजहानाबाद श्री ज़हीर खां ओर आपके थाने के स्टॉफ मेम्बर्स उपस्थित रहे उन्होंने झंडा फहराया ।
इस मौके पर श्री ज़हीर खां जी ने कहा कोरोनावायरस के कारण फैली महामारी के दौर में भी निर्भया महिला आश्रय गृह द्वारा इस प्रकार का आयोजन अत्यंत सराहनीय व प्रेरणादायक है। श्री ज़हीर खां ने कहाँ हम सबको मालूम है भारत विविध धर्मों, आस्थाओं और संस्कृतियों का देश है और यहां हर दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। हर धर्म को मानने वाले लोग पूरे उल्लास के साथ अपने पर्व मनाते हैं, लेकिन कुछ त्यौहार ऐसे भी हैं, जो प्रत्येक देशवासी के लिए महत्वपूर्ण हैं और पूरे देश में सम्मान और स्नेह के साथ मनाए जाते हैं। 26 जनवरी भी एक ऐसा ही दिन है, जो देश का राष्ट्रीय पर्व है। देश का हर नागरिक चाहे वह किसी धर्म, जाति या संप्रदाय से ताल्लुक रखता हो, इस दिन को राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत होकर मनाना चाहिये । श्री खां ने
इस मौके पर सभी महिलाओं को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी।
निर्भया फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री शेर अफज़ल खान ने कहा की कोरोनावायरस के कारण फैली महामारी के दौर में भी निर्भया स्वाधार होम द्वारा इस प्रकार का आयोजन अत्यंत सराहनीय व प्रेरणादायक है। निर्भया महिला आश्रय गृह की प्रभारी श्रीमती समर खान ने कहा
भारत देश बेशक एक स्वतंत्र गणराज्य सालों पहले बन गया हो लेकिन इतने सालों बाद आज भी देश में धर्म, जाति और अमीरी गरीबी के आधार पर भेदभाव आम बात है। लोग आज भी जाति के आधार पर ऊंच-नीच की भावना रखते हैं। आज भी लोगों में सामंतवादी विचारधारा घर की हुई है और कुछ अमीर लोग आज भी समझते हैं कि अच्छे कपड़े पहनना, अच्छे घर में रहना, अच्छी शिक्षा प्राप्त करना और आर्थिक विकास पर सिर्फ उनका ही जन्मसिद्ध अधिकार है। इसके लिए जरूरत है कि देश में संविधान द्वारा प्रदत्त शिक्षा के अधिकार के जरिए लोगों में जागरूकता लाई जाए जिससे कि देश में धर्म, जाति, अमीरी-गरीबी और लिंग के आधार पर भेदभाव न हो सके। निर्भया बालिका गृह की वरिष्ठ परामर्शदाता पूजा सिंह राणा ने बताया कि 26 जनवरी को हमारा संविधान बनकर तैयार हुआ । देश के संविधान को तैयार करने में में 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा वैसे तो 126 नवंबर को हमारे देश का संविधान बनकर तैयार हो गया था लेकिन इसे लागू किया गया 2 महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को इसलिए इसका खास महत्व है।
इस अवसर पर युवतियों ने स्पीच ,डांस, देश भक्ति गीत व समाज को संदेश देने वाले कई कार्यक्रम प्रस्तुत किये। साथ ही बालिकाओ द्वारा प्रस्तुत बेटी बचाओ से सम्बंधित एकांकी हम बेटियां , दहेज प्रथा पर प्रहार करता नाटक दूल्हा बिकता है, जहर से देश बचाओ तथा देशभक्ति नृत्य व कविताओं को पधारे अतिथियों के द्वारा खूब सराहा गया। आखिर में आश्रय गृह में मिठाई एवं फल वितरित किये गये।
इस अवसर पर निर्भया आश्रय गृह से श्रीमती शीलू मालवीय, श्रीमती भारती नरवरे, निशा चौधरी आदी उपस्थित रहे।

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