( शिव भक्तिरस की बहेगी जलधारा)
श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम निपानिया जाट बैरसिया रोड भोपाल में 22जुलाई को शिव महापुराण का भव्य आयोजन का शुभारंभ होगा।इसके अलावा श्रावण मास में श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम में अन्य कार्यक्रम इस प्रकार से आयोजित किए जाएंगे। 22जुलाई से ही मानस रामायण के नौ दिवसीय पारायण का शुभारंभ किया जायेगा।जिसका समापन हरि इच्छा से निर्धारित तिथि को होगा।पूरे श्रावण मास पार्थिव शिवलिंग पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।पार्थिव पूजन में निम्न पुष्पों एवं सामग्री का उपयोग होगा(१)पुष्प:-कमल,गेंदा,आक,गुलाब,जासौन,धतूरा,बेलपत्र,दूर्वा,आदि सभी प्रकार के उपलब्ध फूलों से(चंपा और केतकी को छोड़कर) पंण्डित जी पूजन करवायेंगे(२)अनाज :-गेंहू,जौ,तिल, चावल, धान्य से पूजा करवाई जावेगी(३)धारा पूजन:-जलधारा,दूध धारा,ईख रसधारा(गन्ने का रस)से धारा पूजन करवाया जायेगा।(४) विशेष माला पूजन:-108 बेलपत्र की एक माला धागा में पिरोकर तैयार की जायेगी। प्रत्येक बेलपत्ती पर अष्टगंध की स्याही बनाकर राम लिखकर भोले शिव एवं शिव ज्योतिर्लिंग आठ अंगुल अथवा 12अंगुल मिट्टीशिवलिंग अथवा धातु लिंग पर चढ़ाकर एवं पुष्प माला व पुष्प चढ़ाकर विशेष शिवलिंग पूजा की जायेगी।माला की संख्या कामनानुसार अधिक फल प्राप्त हेतु अधिक मात्रा में चढ़ाई जा सकती है,शर्करा एवं पंचगव्य पूजन:-शर्करा पूजन शकर एवं शहद चढ़ाकर एवं पंचगव्य पूजन पंचमेवा चढ़ाकर किया जायेगा।,धूप:-गीली धूप, एवं हवन सामग्री प्रयोग की जायेगी। अगरबत्ती में बांस का अंश जलने के कारण अगरबत्ती का प्रयोग नहीं किया जायेगा।,दीपदान:-12 दीपक थाली में रखे शिवलिंग के चारों तरफ गोलाई में रखे जायेंगे। मिट्टी के शिवलिंग पूजा के बाद सामूहिक शिव महापूजा का कार्यक्रम श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम में मौजूद बील वृक्ष के नीचे आयोजित किया जाएगा।जो लोग श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं।वह अपने क्षेत्र में मौजूद बीलबृक्ष के नीचे शिव महापूजा विधान संपन्न कर सकते हैं। अथवा अपने घर में नर्सरी से बीलबृक्ष लाकर बील को मकान की उत्तर दिशा में रखकर श्री शिव महापूजा का विधान पूरा कर सकते हैं।श्री शिव महापूजा विधान इस प्रकार से किया जायेगा,(१)बील वृक्ष की जड में शिवलिंग की भांति जल चढ़ाएं।रोली,चावल,चंदन, पुष्प चढ़ायें।बील पत्र से बेलपत्री तोड़कर बीलबृक्ष की जड में चढ़ायें। पुष्प चढ़ायें।फिर बीलबृक्ष की जड के चारों तरफ गोलाई में 12 दीपक जलायें। फिर 12 पूड़ी पर खीर अथवा शकर रख कर दोना अथवा पत्तल में रखकर बीलबृक्ष की जड के चारों तरफ भोले शिव का भोग लगाएं।धूप जलायें। फिर बीलबृक्ष के नीचे 12 ब्राह्मण को भोजन कराएं।यदि12 ब्राह्मण मौजूद नहीं है।तो शिव मंत्र से दीक्षित 12 शिव भक्तों को भोजन करवाकर उन्हें दक्षिणा देवें।यह शिव महापूजा विधान सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है।एवं इसको करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। श्राबंणमास के प्रत्येक सोमवार अथवा सामर्थ अनुसार सोमवार को इस शिव महापूजा विधान को अवश्य करें।
ऊं नमः शिवाय,श्री शिवाय नमस्तुभ्यं।
पं०सुशील महाराज*