कोई कर नहीं बढ़ाएगी मोहन यादव सरकार, 1 जुलाई से शुरू होगा विधानसभा का मानसून सत्र

भोपाल। 1 जुलाई से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में मोहन सरकार का पहला पूर्ण बजट प्रस्तुत किया जाएगा। यह साढ़े 3 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। इसमें सरकार जनता पर बोझ बढ़ाने वाला कोई कर नहीं बढ़ाएगी। लाड़ली बहनों को आवास, स्वरोजगार, किसानों के बोनस, कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते व राहत के लिए प्रावधान होंगे।2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक बजट अभी से उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि वे काम जिन्हें पूर्ण होने में समय लगना है, वह अभी से प्रारंभ हो जाएं। बजट का प्रस्तुतीकरण 25 जून को प्रस्तावित कैबिनेट में हो सकता है। प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए पूर्ण बजट के स्थान पर एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये का अंतरिम बजट (लेखानुदान) प्रस्तुत किया था। विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने जो घोषणाएं की थी, उनमें से अधिकतर के लिए अंतरिम बजट में प्रावधान किया जा चुका है।

गेहूं पर 125 रुपए बोनस

गेहूं पर 125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस दिया जा रहा है। इसके लिए अब बजट में प्रावधान होगा। वहीं, लाड़ली बहना आवास योजना की घोषणा भी तत्कालीन शिवराज सरकार में हुई थी। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में भी इसे प्राथमिकता में रखा था।

सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में 3 करोड़ आवास बनाए जाने की घोषणा की है। इसमें मध्य प्रदेश को भी कोटा मिलेगा। प्रधानमंत्री जनमन योजना में भी आवास मिले हैं और आवास प्लस में भी स्वीकृति मिल रही हैं। इसे देखते हुए यह निर्धारित किया जा रहा है कि लाड़ली बहनों को प्राथमिकता मिल जाए। इसके बाद जो बहनें शेष रहेंगी, उनके लिए सरकार अलग से बजट से राशि उपलब्ध करा सकती है। उधर, स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक केंद्रों का विकास, नए क्लस्टर की स्थापना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए भी प्रावधान किए जा रहे हैं। पिछले दिनों प्रमुख सचिव उद्योग राघवेंद्र कुमार सिंह ने विभिन्न औद्योगिक संगठनों के साथ बैठक कर उनकी अपेक्षाएं जानीं थीं। वहीं, उज्जैन के बाद अब  जबलपुर, ग्वालियर, रीवा समेत अन्य क्षेत्रों में रीजनल इंवेस्टर्स समिट की जानी हैं। इसके लिए भी बजट आवंटित किया जाएगा। कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता व राहत बढ़ाने के लिए 56 प्रतिशत के हिसाब से प्रविधान रखा जाएगा। वार्षिक वेतनवृद्धि, पारिश्रमिक में वृद्धि के लिए भी राशि रखी जाएगी। केंद्र सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए राज्यांश के साथ पूंजीगत व्यय भी बढ़ाया जाएगा। पिछले वित्तीय वर्ष में यह 60 हजार करोड़ रुपये था। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। किसी प्रकार का कोई अतिरिक्त बोझ जनता के ऊपर नहीं डाला जाएगा। संकल्प पत्र पांच वर्ष के लिए होता है और इसके एक-एक बिंदु को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

बौखला गई है कांग्रेस

देवड़ा बार-बार अर्थव्यवस्था और कर्ज की स्थिति को लेकर श्वेतपत्र जारी करने की कांग्रेस की मांग पर उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि कांग्रेस बौखला गई है। कर्ज लेने की एक प्रक्रिया होती है। केंद्र सरकार अनुमति देती है और भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से कर्ज लिया जाता है। नियमानुसार ही अब तक कर्ज लिया गया है और उसका सदुपयोग किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में रिकार्ड पूंजीगत व्यय हो रहा है, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है। राजस्व प्रबंधन के कारण न केवल आय बढ़ी है बल्कि कर अपवंच पर भी रोक लगी है।

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