पूरे मध्यप्रदेश में मानसून छा गया है। प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। सोमवार को छिंदवाड़ा, सिवनी जिलों में अतिभारी बारिश हो सकती है। यहां 200 मिलीमीटर तक बारिश की आशंका है।
मानसून ने मध्यप्रदेश में एंट्री के कुछ ही घंटों में पूरे प्रदेश को अपने आगोश में ले लिया है। रविवार को पूरे प्रदेश में मानसून छा गया है। इसके साथ ही राजधानी सहित कई शहरों में झमाझम वर्षा का दौर भी शुरू हो गया है। सोमवार से प्रदेश के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ झमाझम वर्षा का सिलसिला शुरू होने की संभावना है। रविवार दोपहर बाद भोपाल में तेज बारिश होने लगी। जिससे कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया। जबलपुर, ग्वालियर, उमरिया, भिंड, गुना, खजुराहो, रायसेन, शिवपुरी, मंडला और सागर समेत कई जिलों में बारिश हुई है। रविवार को भोपाल में करीब 3 इंच, जबलपुर सवा इंच बारिश हुई है। सोमवार को छिंदवाड़ा और सिवनी में अति भारी बारिश होने की संभावना है।
मौसम केंद्र की रिपोर्ट कह रही कि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के रीवा, इंदौर व उज्जैन संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, भोपाल, चंबल व शहडोल संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, ग्वालियर व सागर संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर, जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश हुई। चुरहट में 10, माडा, बीना, भिंड में 7, मेहगांव, चौरई में 6, मनगवां, रानापुर में 5 सेमी तक पानी गिरा है।
सोमवार दोपहर तक के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि सागर, नर्मदापुरम, शहडोल, रीवा, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर व चंबल संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ेंगी। विभाग की ओर से जारी ऑरेंज अलर्ट बता रहा है कि छिंदवाड़ा, सिवनी जिलों में अतिभारी बारिश हो सकती है। यहां 200 मिलीमीटर तक बारिश की आशंका है। वहीं यलो अलर्ट के मुताबिक बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, अशोकनगर, ग्वालियर, दतिया व सिवनी जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे प्रदेश में आ चुका है। वर्तमान में उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी एवं उससे लगे ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। चक्रवात बिपरजॉय कमजोर पड़ने के बाद हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में दक्षिणी उत्तर प्रदेश पर बना हुआ है। पूर्व-पश्चिम ट्रफ उत्तरी पंजाब से ओडिशा के आसपास बने कम दबाव के क्षेत्र तक बना है, जो उत्तर प्रदेश, उत्तर-पश्चिमी मप्र और छत्तीसगढ़ से होकर ओडिशा तक जा रहा है। अरब सागर एवं उससे लगे गुजरात पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है।