भोपाल | जल, जंगल, जमीन बचाने और नशामुक्त देश बनाने का संकल्प लिया। अभियान से जुड़े विख्यात समाजसेवी और युवा कार्यकर्ता रामकुमार विद्यार्थी ने जानकारी दिया कि पर्यावरण बचाओ अभियान के कार्यकर्ताओं ने महापुरुषों को फूलमाला के बदले पौधा भेंट कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरण बचाओ अभियान से जुड़े शरद सिंह कुमरे का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज की भयावहता को देखते हुए सभी धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आयोजनों के अवसरों पर पौधरोपण करना चाहिए। इससे जैवविविधता को लाभ होगा। मानव के अस्तित्व के लिए जैवविविधता को भी स्वस्थ और सुरक्षित रखना जरूरी है। फूल मालाओं का प्रयोग शत प्रतिशत बंद कर देना चाहिए। प्रत्येक मानव अधिकतम पौधरोपण कर पर्यावरण की सेवा करें। यही परमात्मा की उत्तम आराधना है। ऐसा नहीं किया तो पृथ्वी में जीवन खत्म करने के लिए मानव ही जिम्मेदार होगा।यह कलंक मानव समाज पर ही लगेगा। यह कलंक मिटाने का अवसर मानव के पास है। पृथ्वी के पर्यावरण संरक्षण के लिए वे सभी उपाय करें जो संभव हैं।
अपनी जीवन शैली आदिवासी समाज के जैसे अपनाने से ही पर्यावरण बच सकता है। कम साधनों में जीवन जीने की कला दुनिया के आदिवासियों के पास ही है। वे प्रकृति के अनुकूल जीवन जीते हैं और खुश भी रहते हैं। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शरद सिंह कुमरे, रामकुमार विद्यार्थी, रमेश वंजारी,आर एन ठाकुर ( मांझी सरकार) समाजसेवी रतन बाथम,पंचम राणा, सुमेर सिंह ठाकुर, शेख फैयाज, कलावती, गौरी, धीरेंद्र राणा, उत्कर्ष पुरुषोत्तम आदि उपस्थित थे। वीडियो देखे _