बड़वानी में दुर्गम पहाड़ों पर ‘ममता’ की झोली से नवजीवनबड़वानी में संयुक्त रूप से कार्य करती हैं एएनएम, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता।

news reporter surendra maravi 9691702989

Madhya Pradesh News: बड़वानी में दुर्गम पहाड़ों पर ‘ममता’ की झोली से नवजीवन

 सतपुड़ा के दुर्गम पहाड़ों पर बसे रहवासियों का जीवन आज भी कठिन और दूभर है। सड़क और संचार सेवाओं के अभाव में पहाड़ी के शिखर तक खतरनाक रास्तों से स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी सुगम सेवाएं नारी शक्ति पहुंचा रही है। गर्भवतियों की मदद के लिए नारी सेना तैनात है, जो जिले के नवाचार मिशन उम्मीद की मजबूत कड़ी है। ममता ब्रिगेड की झोली जच्चा-बच्चा को सुरक्षित नवजीवन दे रही है। मिशन उम्मीद के तहत दो साल से जिले में काम कर रही इस ब्रिगेड की सेवा का ही परिणाम है कि दो साल में 2712 संस्थागत सुरक्षित प्रसव हुए हैं, जो कि घरों में ही होने थे।

घर में प्रसव के खतरे को कम कर जच्चा और बच्चा को नवजीवन देने वाली इस ब्रिगेड में ट्रिपल ‘ए’ यानी एक एएनएम, एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एक आशा कार्यकर्ता की टीम संयुक्त रूप से कार्य करती है। पहाड़ी के शिखर से झोलीनुमा विशेष स्ट्रेचर की मदद से गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाकर समुचित इलाज एवं सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। यह इस ब्रिगेड का प्रमुख कार्य है।

नवाचार को प्रदेश में मिली ख्याति

महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी आरएस गुंडिया एवं सहायक संचालक अजय कुमार गुप्ता के अनुसार कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा के मार्गदर्शन में यह अभियान चलाया जा रहा है। दो साल में 2712 सुरक्षित संस्थागत प्रसव और बेहतर परिणाम की सफलता के बाद इसे निवाली, पानसेमल व सेंधवा में भी लागू किया गया। वर्तमान में यह पूरे जिले में कार्यरत है। प्रदेश स्तर पर भी जिले को ख्याति मिली है।

मिशन उम्मीद में ममता ब्रिगेड और प्रेरक मिलकर रियल हीरो आफ रूरल चेंज की भूमिका निभा रहे हैं। पूरी टीम के सराहनीय प्रयासों से जिले में सुरक्षित संस्थागत प्रसव बढ़े हैं। मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी देखी गई हैं। दुर्गम पहाड़ी गांव-फलियों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं सरलता से पहुंचाई जा रही हैं। 

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