news reporter surendra maravi 9691702989
बिहार में शराबबंदी अब ना केवल राजनीतिक मुद्दा भर है, बल्कि यह एक सामाजिक मुद्दा बन चुका है। बीते दिनों शराबबंदी के बावजूद यहां जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद सियासी माहौल भी गरमा गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वह बयान भी सुर्खी में रहा जिसमें उन्होंने कहा था कि जो पीयेगा, वह मरेगा। ऐसे में उनके खिलाफ भी विरोध की एक लहर चल निकली। अब शराबबंदी के मामले पर ही वे जनता को जागरूक करने निकल रहे हैं। इसके लिए वे एक यात्रा करेंगे जिसकी तारीख तय हो गई है। शराबबंदी को लेकर लोगों को पुन: जागरूक किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पांच जनवरी से यात्रा पर निकलेंगे। उनकी यात्रा का आरंभ पश्चिम चंपारण जिले से होगा। मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि की गई है।
पहले एक सभा भी होगी
मुख्यमंत्री की इस यात्रा के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार वह पूर्व की तरह एक सभा को संबोधित करेंगे। यह बताएंगे कि किस तरह से शराबबंदी के खिलाफ कुछ लोग सक्रिय हैं। सतत जीविकोपार्जन योजना के बारे में संबंधित जिले के अधिकारियों के साथ बात करेंगे।
यह हैं इस यात्रा के सियासी मायने
मुख्यमंत्री की इस यात्रा को इसलिए महत्व दिया जा रहा है कि हाल ही में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद कई स्तर पर शराबबंदी के औचित्य पर लोग बोलने लगे थे। जहरीली शराब से हुई मौत के बाद जब विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुआवजे को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया था तब मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा था कि मुआवजे का तो कोई प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने यह घोषणा की थी कि शराबबंदी के प्रति लोगों को जागरूक किए जाने को ले वह फिर से यात्रा पर निकलेंगे।