गाड़ी चलानी है तो आंख ठीक करवाना पड़ेगा, चश्मा लगाकर भी वाहन नहीं चला पाए तो लाइसेंस रद्द होगा

news reporter surendra maravi 9691702989

मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में जिला प्रशासन ने अच्छी पहल शुरू की है। प्रशासन ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए चालक-परिचालक के नेत्र परीक्षण करवाने की बात कही है।

नेत्र परीक्षण शिविर

धार्मिक नगरी उज्जैन में संभागीय आयुक्त संदीप यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभागीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली। बैठक में संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने यहां शेष बचे ब्लैक स्पॉट पर सांकेतिक चिन्ह का बोर्ड लगाए और स्पीड ब्रेकर लगाएं। इस कार्य को प्राथमिकता से करें, ताकि संभावित सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

संभागायुक्त ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने जिले में यात्री बस चालक-परिचालकों के नेत्र परीक्षण के लिए शिविर लगाएं। शिविर में यदि चालकों के नेत्रों में कोई खराबी पाई जाती है, तो उन्हें चश्मा मुहैया कराया जाए और यदि कोई चालक चश्मा लगाकर भी कार्य करने में असुविधा महसूस कर रहा है तो उसका लायसेंस रद्द किया जाए।

सीपीआर की ट्रेनिंग जरूरी…
संभागायुक्त ने कहा कि कुछ चालकों को रात में वाहन चलाने में कठिनाई होती है। ऐसे वाहन चालकों के नेत्रों का भी परीक्षण किया जाए। उन्होंने सीपीआर की ट्रेनिंग बस चालकों को देने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में बढ़ती हुई सड़क दुर्घटना की रोकथाम के लिए सभी को यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए एक अभियान चलाया जाए। उन्होंने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी निदेर्शों के अनुसार चार पहिया वाहनों में बैठे यात्रियों को सीट बेल्ट लगाने के लिए जागरूक किया जाए। इस बात का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उन्होंने यात्री बसों में दिव्यांग, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीटों का आरक्षण पूर्ववत रखने के निर्देश दिए।

बैठक में ये खास निर्देश…
संभागायुक्त ने बताया कि कुछ जिलों में बस, आटो और मैजिक वाहन चालक स्कूली बच्चों को लाने ले जाने की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं। ऐसे में पालक अपनी सुविधा से स्वयं ही आटो या मैजिक बुक कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह आटो और मैजिक वाहन सुरक्षित तरीके से बच्चों को स्कूल के अन्दर तक छोड़े। उन्होंने निर्देश दिए कि बस, ऑटो और मैजिक चलाते समय चालक मोबाइल फोन का उपयोग न करें। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्तियों के लिये ‘गुड ऐमिरिटन’ योजना संचालित है। इसके तहत अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्तियों को पांच हजार रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है।

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