भाजपा का कांग्रेस हटाओ- प्रदेश बचाओ अभियान के तहत आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए भाजपा नेता कंवर ने विवादित बयान दिया है।
Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810
कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को अब एक साल से भी कम समय शेष रह गया है। इसके साथ ही राजनीतिक पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है। इस क्रम में पूर्व गृहमंत्री व रामपुर विधायक ननकीराम कंवर का एक विवादित बयान सामने आया है। भाजपा का कांग्रेस हटाओ- प्रदेश बचाओ अभियान के तहत आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए कंवर ने कहा कि यदि आबकारी विभाग और पुलिस की टीम शराब पकड़ने आदिवासी के घर आए, तो उनकी पिटाई करें।
कोरबा जिला अंतर्गत रामपुर विधानसभा के ग्राम कोरकोमा में भारतीय जनता पार्टी ने आमसभा का आयोजन किया था। इस दौरान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल व सांसद गोमती साय भी विशेष तौर पर उपस्थित रहीं। सभा को संबोधित करते हुए विधायक कंवर ने कहा कि आदिवासियों को शराब बना कर पीने की छूट है। इसके बावजूद उन्हें धमकाया जाता है और उन पर कार्रवाई की जाती है। अब समय आ गया है कि भाजपा कार्यकर्ता सक्रिय हो जाएं और ऐसा करने वालों की पिटाई कर दें। यहीं नहीं उन्होंने मंच से ही नेता प्रतिपक्ष चंदेल का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि नेताजी आप ध्यान दीजिए और मामले को जमकर उठाइए।
यहां बताना होगा कि भाजपा द्वारा विधानसभा स्तर पर बैठक व सभाएं ली जा रही हैं। इसमें प्रदेश स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ ही संबंधित विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेता शामिल हो रहे हैं। जिले की कटघोरा, पाली- तानाखार, रामपुर व कोरबा विधानसभा में भी नेता प्रतिपक्ष चंदेल, सांसद गोमती साय व जिला प्रभारी श्याम लाल, प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष लखनलाल देवांगन की उपस्थिति में सभाएं हो रही हैं। कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के बाद कोरकोमा में नेताओं ने बैठक ने सभा ली। अवैध शराब बिक्री को लेकर पुलिस व आबकारी विभाग पर लगातार आरोप लग रहे हैं। कवर्धा के नवागांव में पुलिस की टीम पर हुए जानलेवा हमले के बाद पूर्व गृहमंत्री ननकीराम का यह बयान इंटरनेट मीडिया में तेजी से प्रसारित हो रहा है।
पहले भी बयान को लेकर मच चुका है बवाल
भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता कंवर अपने बेबाक बोल के लिए जाने जाते हैं। भाजपा सरकार में कंवर कई बार मंत्री रहे। अपने बयानों से कई बार अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। जब कभी भी मुख्यमंत्री के दावेदारी की बात चलती है तो वे आदिवासी वर्ग को प्राथमिकता देने की वकालत करते हैं। साथ ही यह कहने से भी नहीं चूकते कि भाजपा में वे भी दावेदार हैं।