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बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए नए साल से पोलियो दवा की बूस्टर डोज दी जाएगी। बच्चों को अभी तक दो इंजेक्शन लगाए जाते थे, लेकिन अब तीसरी डोज लगने से बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी। असल में पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अफ्रीकी देशों में पोलियो के केस मिलने पर स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क हो गया है। इसके चलते नौ माह तक के बच्चों को पोलियोरोधी बूस्टर डोज लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
अभी तक नवाजात को पोलियो की ओरल दवा पिलाने के साथ ही छह सप्ताह में पोलियो की दवा का इंजेक्शन लगाया जाता है। इसके बाद दूसरा इंजेक्शन 14 सप्ताह में लगता है। अब एक जनवरी 2023 से तीसरा टीका नौ महीने में लगाया जाएगा। जिला टीकाकरण अधिकारी डा. रामकुमार गुप्ता का कहना है कि अब इंडियन एक्सपर्ट एडवाईजरी ग्रुप ने बच्चों को पोलियो से अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए फेक्शनल इनएक्टीवेटेड पोलियो वायरस की तीसरी डोज लगाने की अनुशंसा की है। इसके अलावा पांच साल तक बच्चों को पोलियोरोधी खुराक पिलाई जाएगी। जिले में करीब 45 हजार बच्चों को बूस्टर डोज देने का लक्ष्य रखा गया है।
कैंसर की वैक्सीन राष्ट्रीय टीकाकरण में होगी शामिल
सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की संख्या दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। जयारोग्य अस्पताल (जेएएच) के कैंसर विभाग के विभागाध्यक्ष डा. संजय चंदेल का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए सर्ववैक वैक्सीन कारगार बताई जा रही है। इसे वर्ष 2023 से राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। फरवरी से मार्च के बीच कैंसर का यह टीका आ सकता है। इसके लिए स्कूली स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया जोगा, जिसमें नौ से 14 साल की लड़कियों को यह टीका लगाया जाएगा।
कोरेाना की दूसरी लहर में रेमडिसविर और स्टोरायड का उपयोग अधिक मात्रा में हुआ था। उपयोग के बाद में मरीजों में कई तरह के दुष्प्रभाव भी देखने को मिले थे। इसके चलते रेमडिसविर का प्रयोग यह कहते हुए बंद कर दिया गया था कि यह ट्रायल ड्रग है, जिससे परिणाम ठीक सामने नहीं आ रहे हैं। इसके प्रयोग से कार्डियक अरेस्ट की आशंका बढ़ रही हैं, लेकिन इस बार फिर रेमडिसविर को माकड्रिल में शामिल किया गया है।