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सिलसिले में आज भोपाल के अस्पतालों में भी माकड्रिल के जरिए कोरोना महामारी के संभावित खतरे से बचने के लिए की गई व्यवस्थाओं को परखा जा रहा है। सुबह तकरीबन साढ़े दस बजे यह माकड्रिल शुरू हुई। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग सुबह हमीदिया अस्पताल पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान आक्सीजन प्लांट की भी टेस्टिंग की गई। इस अवसर पर कॉलेज प्रबंधन के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। हमीदिया अस्पताल में कुल आक्सीजन प्लांट की क्षमता 2000 एलपीएम है। आक्सीजन प्लांट में 24 घंटे जीपीएस सिस्टम से भी मानिटरिंग की व्यवस्था है। इसके अलावा हमीदिया अस्पताल में कुल 1498 बिस्तर हैं, जिसमे 1045 आक्सीजन बेड हैं।
मंत्री सारंग ने कहा कि हम हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। ऑक्सीजन प्लांट की 24 घंटे जीपीएस के माध्यम से मानिटरिंग की जा रही है। आप सभी से अपील है कि आप कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और अपने साथ-साथ अपने परिवार को भी सुरक्षित रखें।
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जेपी अस्पताल में भी टेस्टिंग
इसके अलावा जेपी अस्पताल में भी आक्सीजन प्लांट की टेस्टिंग की गई। अस्पताल के अधीक्षक डा. राकेश श्रीवास्तव ने स्वयं आक्सीजन प्लांट को चालू कर इसकी स्थिति की जांच की।
स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियों को जांच कर साफ्टवेयर के माध्यम से प्रदेश को जानकारी उपलब्ध कराएगा। इससे पहले आज जिला अस्पताल में चिकित्सकों की एक बैठक भी हुई, जिसमें पुराने अनुभवों के आधार पर तैयारियों की समीक्षा की गई। हालांकि यह माकड्रिल सिर्फ अस्पतालों में हो रही है। जिसमें तैयारियों को लेकर डाटा को विभाग के साफ्टवेयर में अपलोड किया जाना है।
इंडिया पोर्टल पर फीड होगा डाटा
सीएमएचओ डा. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि माकड्रिल के लिए अस्पताल में व्यवस्थाओं की जानकारी इंडिया पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इसे लेकर डाटा विभाग पर स्वास्थ्य संस्थाओ का डाटा अपलोड किया जाना अनिवार्य है। माकड्रिल के मूल्यांकन हेतु पैरामीटर एवं माकड्रिल अभ्यास का फोकस इस पर होगा
इसका करना है माकड्रिल
– बिस्तर क्षमता आइसोलेशन बेड, आक्सीजन युक्त आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर सहित बेड की संख्या।
– उपलब्ध मानव संसाधन : चिकित्सक, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, आयुष चिकित्सक, आशा सहित अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, अन्य ग्राम स्तर के कार्यकर्ता ।
– मानव संसाधन क्षमता : कोरोना प्रबंधन पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभालकर्ता, गंभीर मामलों के प्रबंधन के लिए वेंटिलेटर प्रबंधन प्रोटोकाल में प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभालकर्ता, पीएसए संयंत्रों के संचालन में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदि।
– रेफरल सेवाएं एडवांस्ड और बेसिक लाइफ सपोर्ट (एएलएस/बीएलएस) एंबुलेंस की उपलब्धता, अन्य एंबुलेंस की उपलब्धता (पीपीपी मोड के तहत या एनजीओ के साथ), कार्यात्मक एम्बुलेंस काल सेंटर की उपलब्धता।
– परीक्षण क्षमताएं : कोरोना परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या और क्षमता, आरटीपीसीआर टेस्ट और रेट किट की उपलब्धता, परीक्षण उपकरण और रिएजेंट की उपलब्धता ।
– चिकित्सा रसद आवश्यक दवाओं की उपलब्धता (जैसे स्टेरायड, एनोक्सापारिन, रेमेडिसविर, टोसीलिजुमैब, और अन्य सहायक दवाएं, तरल पदार्थ आदि), वेंटिलेटर (कार्यात्मक), पीपीई (पीपीई किट, एन-95 मास्क, आदि), नेब्युलाइजर, आक्सीमीटर आदि
– मेडिकल आक्सीजन, आक्सीजन कांसेंट्रेटर, आक्सीजन सिलेंडर, पीएसए प्लांट, लिक्विड मेडिकल आक्सीजन स्टोरेज टैंक, मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम आदि।
– अस्पतालों में टेलीमेडिसिन सेवाओं की उपलब्धता ।
इनका कहना है
माकड्रिल को लेकर जो लोग समझ रहे हैं, वो नहीं है। हमें सिर्फ इंडिया पोर्टल पर सभी संस्थाओं से जानकारियों को अपलोड कराना है। जिससे कोविड से निपटने के लिए सरकार अंदाजा लगा सके।
– डा. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ भोपाल