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सर्द रातों में ठिठुर रहे तीमारदार, रैनबसेरे पर भी पड़ा है ताला

बंद पड़ा रैनबसेरा।

बंद पड़ा रैनबसेरा।

तमाम वादों और दावों के बाद भी जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला

जिला अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट के पास में ही है छह कमरों का रैनबसेरा
खुले आसमान में रात बिताने को मजबूर हो रहे हैं मरीजों के साथ आने वाले तीमारदार
पीलीभीत। तमाम दावों और वादों के बाद भी जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। तीमारदारों को ठंड से बचाने के कोई इंतजाम नहीं हैं। रैनबसेेरे पर भी ताला पड़ा है। ऐसे में मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को अपने संसाधनों के सहारे खुले में ही रात बितानी पड़ रही है।
जिला अस्पताल में हर साल ठंड का मौसम शुरू होते ही मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए रैनबसेरा खोल दिया जाता है। जिला अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट के पास में ही रैन बसेरा है, इसमें करीब छह कमरे हैं।

इस बार भी दिसंबर शुरू होते ही तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। मौसम में बदलाव के चलते वायरल और अन्य समस्याओं से पीड़ित लोग अस्पताल में पहुंच रहे हैं, उनके साथ तीमारदार भी आ रहे हैं। रैनबसेरे पर ताला पड़ा होने से तीमारदारों को खुले में ही रात बितानी पड़ रही है। अधिकतर लोग पर्चा काउंटर के बाहर दरी बिछाकर और वार्ड के बाहर गैलरी में ही अपने संसाधनों के सहारे रात काट रहे हैं।
शासन के आदेश पर भी बुजुर्गों के लिए नहीं बनाया वार्ड
जिला अस्पताल में बुजुर्गों को बेहतर सुविधा देने के लिए शासन के निर्देश पर अलग से वार्ड बनाया जाना था। वार्ड में बुजुर्गों को विशेष सुविधाएं दी जानीं थीं। तीन माह पूर्व शासनादेश आने के बाद सीएमओ ने जिला अस्पताल का निरीक्षण कर वार्डों की स्थिति देखी थी। दो वार्डों का चयन किया गया था, लेकिन तमाम कवायद के बाद भी बुजुर्गों के लिए अब तक वार्ड नहीं बन सका है।

जिला अस्पताल में अब तक रैनबसेरे और बुजुर्गों के लिए वार्ड की सुविधा शुरू हो जाना चाहिए थी, अगर ऐसा नहीं हुआ है तो सीएमएस को पत्र भेजकर व्यवस्थाएं जल्द सुचारू कराने के निर्देश दिए जाएंगे।
– डॉ. आलोक कुमार, सीएमओ

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