थाना अरेरा हिल्स. के द्वारा नशा मुक्ति के लिए जन अभियान का स्वागत है.. मगर उपचारिकता तो नहीं है. थाना छेत्र मे नाश बिकना कौन रोकेगा. जो बेच रहे है. उनको भी थाने मे बुलाकर सही मार्गदर्शन देना चाहिए. या थाने के प्रभारी की जवाब देही होती है. थाने की पुलिस की कार्यगुजारी. पर भी ध्यान देना थाने के प्रभारी की जवाबदारी है.. अपराधों की रोक थाम. थाना प्रभारी की परेड तो अब थाने की मोबाइल से होती है. रूट पर पहेले से सब को इतिला दी जाति है. पैदल थाने के प्रभारिओ को आप को नहीं देखेंगे.. नाईट का हाल क्या होगा.. मे पुलिस की सफ़ेद सच्चाई बता रहा हु.50%से अधिक पुलिस नशा करती है. वोभी मुफ्त की. बाकि अलग से पहेले पुलिस अपने घर से रोक थाम करेंगे यहभी काली सच्चाई है. हमारे पत्रकार साधी भी काफ़ी शराब अन्य नशा करते है.. यह भी गलत है. पार्टी लेते है. जो गलत है.. मे इस लिए इस बात को कहे रहा हु.. मे किसी भी गलत काम नहीं करता हु. नियम का पालन करता हु. उसी व्यक्ति को अधिकार है.. ऐसा नहीं दिन मे नशा मुक्ति अभियान. और रातमे खुद चालू ऐसा नहीं होना चाहिए.. समाज मे पुलिस की छबि को बनाकर रखना. व पत्रकार को भी अपनी छवि को साफ रखना चाहिए.. मप्र बुद्धि जीवि कलम कार. सभी से उम्मीद करती है नशा मुक्ति अभियान को पहले खुद पर अमल करेंगे. फिर अपने सहयोगिओ को. फिर खुद आगे जन समर्थन से..