मध्य प्रदेश में किसानों की बदहाली का हवाला देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर निशाना साधा है
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सीएम शिवराज पिर हमला बोला है। कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि असमय भारी बारिश से फसलें तबाह होने से किसान परेशान हैं, लेकिन सरकार इवेंट कराने में लगी है। सीएम झूठे आश्वासन दे रहे कि चिंता न करें, मैं बैठा हूं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रदेश में असमय हो रही भारी बारिश से किसानों की हो रही फसल की बर्बादी पर चिंता व्यक्त की है। बताया कि प्रदेश के कई हिस्सों में असमय हो रही भारी बारिश से किसानों की सोयाबीन, उड़द, मूंग, धान, ज्वार, बाजरा, तिल व अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि आज प्रदेश का किसान खून के आंसू रो रहा है, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री उन्हें राहत व मुआवजा देने की बजाय पहले तो इवेंट में लगे हैं और अब इवेंट से निपटने के बाद भी झूठे वादे, झूठे आश्वासन व ‘चिंता ना करें, मैं बैठा हूं’ जैसे जुमले देने में लगे हुए हैं।
हमारे किसान भाई निरंतर सरकार की तरफ राहत व मुआवजे के लिए देख रहे हैं।
कमलनाथ ने बताया कि हमारी सरकार में जब इस तरह का संकट किसानों के समक्ष आया था, तब हमने तुरंत मुआवजा प्रदान किया था। हमने सर्वे के नाम पर व लंबी चौड़ी कागजी कार्रवाई के नाम पर किसानों को परेशान नहीं होने दिया। वहीं शिवराज सरकार में तो अभी तक कई क्षेत्रों में सर्वे भी प्रारंभ नहीं हुआ है। कई जगह सिर्फ़ कागजी सर्वे हुआ है। कई जगह पटवारी व तहसीलदार सर्वे के लिए अभी तक पहुंचे ही नहीं हैं, तो मुआवजे का तो प्रश्न ही नहीं उठता है…? पूर्व सीएम का कहना है कि प्रदेश का किसान पहले ही लहसुन व प्याज की मिल रही कम कीमतों से परेशान हैं, खाद -बीज के संकट से परेशान हैं। ऐसे समय इस बारिश ने उसको और मुसीबत व संकट में डाल दिया है। वह खून के आंसू रोने को मजबूर है लेकिन सरकार का पूरा ध्यान सिर्फ़ चुनावी इवेंटों में लगा हुआ है। विपक्ष में बैठकर किसानों के हित में लंबे-चौड़े भाषण देने वाले शिवराज जी ने अभी तक किसानों की कोई सुध नहीं ली है और ना उनके मंत्रियों ने।
पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि आज प्रदेश का किसान पहले से ही कर्ज के दलदल में धंसा हुआ है। हमारी सरकार में हमने उसकी इसी वास्तविकता को समझ कर्ज माफी योजना लागू की थी। जिसे शिवराज सरकार ने आते ही बंद कर दिया और प्रदेश का किसान शिवराज सरकार में आज फिर फिर कर्ज के दलदल में धंस कर आत्महत्या को मजबूर है। सरकार को चीता इवेंट व अन्य इवेंटों से निकलकर अब किसानों की सुध लेना चाहिए। उन्हें जल्द से जल्द राहत व मुआवजा प्रदान करना चाहिए। कांग्रेस संकट की इस घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है। हम चुप नहीं बैठेंगे, किसानों की इस लड़ाई को हर मोर्चे पर लड़ेंगे।