आदिवासी युुवती से कर रहे शादी गैर आदिवासी सत्‍ता का सुख पाने के लिए

साहिबगंज जिला आदिवासी बहुल हैै।यहां के तालझारी पतना बरहेट मंडरो बोरियो प्रखंड में मुखिया के सभी पद अनु‍सूचित जनजाति के लिए आरक्षित है वहीं बरहड़वा उधवा राजमहल व साहिबगंज में भी मुखिया के अधिकार पद आदिवासियों के लिए रिजर्व है गैर आदिवासी इन पंचायतों में चुनाव नहीं लड़ सकते है ऐसे में सत्‍ता अपने हाथ में करने के लिए गैर आदिवासी सामुदाय के लोग आदिवासी सामुदाय की युवतीयाें से शादी कर पत्‍नी को चुनाव लड़वाते है आदिवासी बहुल इलाकों में यह चलन आम है आदिवसी युवती से शादी कर इसका लाभ उठाने में अल्‍पसंख्‍यक सामुदाय के लोग आगे है एक अनुमान के मुताबिक पिछले पंचायत चुनाव में करीब 20 से 25 प्रतिशत वैसी आदिवासी महिलाएं चुनाव जीती जिन्‍होंने गैर आदिवासियों से शादी कर ली थी चुनावी वर्ष में इस तरह की शादी खूूब होती है चुनाव लड़ाने के लिए कई लोगों ने तो एक पत्‍नी के रहते हुए भी दूूूूसरी शादी कर ली

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