पोलर शिफ्ट को समझने बर्फ के टापू पर जुटे 10 देशों के वैज्ञानिक नार्वे और नॉर्थ पोेल यानी पृथ्वी के उत्तरी छोर के बीच आर्कटिक महासागर पर बर्फ के टापू के छोटे से समूह नाय-ऑलुहसन की है आर्कटिक की बर्फीली हवाओं से हमेशा गिरा रहने वाला यह क्षेत्र इतना दुर्गम है कि यहां सिर्फ हवाई जहाज या नाव के जरिए पहुंचा जा सकता है इन कठिन हालात में इस टापू पर 10 देशों और कई संस्थानों के वैज्ञानिक समूह 24 घंटे पृथ्वी के पोलर शिफ्ट यानी ध्रुवों के स्थान में परिवर्तन पर अध्ययन कर रहे हैं वैज्ञानिकों के मुताबिक रिवर पोलराइजेशन 7.8 लाख वर्ष में पहली बार हो रहा है