कोरिया छत्तीसगढ़ 22 फरवरी 2022 (मंगलवार) प्रदेश के उतरी सरहदी कोरिया सरगुजा इलाके में गोंड जनजाति बहुसंख्यक मूल निवासी लोग अतीत के हालातो पर जी रहे हैं। आम तौर पर जहां पर भोले भाले आदिवासी जनता अपने अधिकार के लिए तरस उठे हैं। अनकहे यहां के सरकारी अफसरानों की नीति और नियत की नजारिया किसी खोट से कम नहीं है। दरअसल इन हल्कों में भारत की संविधान के मुताबिक यह पांचवी अनुसूचित क्षेत्र है। जहां पर अनुच्छेद 244 (1) से यह क्षेत्र शासित है। जहां की कानून व्यवस्था में इन वर्गो को मिले अधिकार सर्वोच्च व इनका मौलिक अधिकार है। अमूमन छत्तीसगढ़ प्रदेश का भौगोलिक सीमा क्षेत्रफल 1,35,133 वर्ग किलोमीटर जिसमें कुल उपयोजन क्षेत्र में आमतौर पर अनुसूचित क्षेत्र (आदिवासी) क्षेत्रफल 88000 वर्ग किलोमीटर निर्धारित है। जिसमें सरगुजा सम्पूर्ण संभाग निहित है। इन इलाकों में
आदिवासी वर्गो के हितों की संरक्षण व संवर्धन से जुड़ी कानून व्यवस्था महामहिम राज्यपाल के हाथो सुरक्षित होता है। न कि विधान सभा के किसी मंत्री मंडल के द्वारा निहित है। जाहिर तौर पर इन क्षेत्रों में आदिवासियों की शिक्षा प्रणाली से लेकर सभी विकास की रास्ते अंधेरी सुरंग में फंस गई है।
दुर्भाग्य है कि इन इलाको में संविधान बनने से पहले प्रांतीय कानून भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत संविधान की धारा 92 की उपधारा (1) के तहत केन्द्रिय या प्रांतीय अधि नियमों को अभी तक लागू नहीं किया गया। दरअसल 13 नवंबर 1969 के सुप्रीम कोर्ट का नौवें बैंच का जजमेंट के तहत अधिसूचना 20 फरवरी 2003 के मुताबिक अनुसूचित क्षेत्रो में पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी एवं संवैधानिक पदधारियों के लिए संकेत के रूप में “अनुसूचित शब्द” अनिवार्य माना गया है। जो निहित पांचवी अनुसूची के संवैधानिक प्रावधानो के अधीन जिला कोरिया में सब पर लागू होता है।विडंबना है कि इन आदिवासी इलाकों में धरातल की व्यवहारिक तथ्य कुछ और है। जैसा कि बीते दिनों कोरिया जिला के तीन नौकर शाहों द्वारा इतने बड़े आदिवासी समुदाय को जिस अपमान जनक शब्दों से शोसल मीडिया में प्रचारित किया।
अमूमन यहां की कार्यपालिक न्याय व्यवस्था के सामने दो धारी तलवार जैसा हो गया है। सच मानें तो यह अपमान जनक शब्द समुदाय के भीतर आन्दोलन या हिंसा भड़काने जैसा कृत्य से कम नहीं था। जिसे लेकर प्रदेश में उभरे सक्रिय राजनैतिक दल गोंडवाना गणतंत्र पार्टी कोरिया जिला मुख्यालय में एक आन्दोलन कर दोषी तीन पुलिस कर्मी जो आदिवासी समुदाय को गाली की लिहाज से जिन पर चैट करने का आरोप लगा है। विभाग फर्जी व हैक होने की जानकारी देकर दामन बचा लिया है।
अलबत्ता गोंडवाना की सियासत की करवट कुर्सी पर बने रहने वाले तीनों पर निगाहों की टकटकी बनी हुई है।
वहीं गोंडवाना की सियासी दौर में राजनीतिक मूल्यों पर सीधी चोंट पहचाने वाले कुछ आराजक तत्वों द्वारा बीते 17 फरवरी 2022 को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक एवं आदिवासी समुदाय के प्रेरणा स्रोत गोंडवाना रत्न, पेंन दादा हीरासिंह मरकाम जी का कोरबा जिला के ग्राम पंचायत गुरसिया में बनी प्रतिमा को कायराना पूर्वक खंडित कर दिये। यह आत्मघाती हमला आदिवासी समुदाय के जेहन को पल पल कचोट रही है। वहीं सतारूढ़ सरकार की कूटनीति विसात से प्रशासन के नाक के नीचे समाज के महान व्यक्तित्व की प्रतिमा की तोड़ फोड़ जैसे घटित यह घोर निंदनीय कृत्य पर जिम्मेदार नौकरशाह आज भी अंधेरी सुरंग में भटक गये हैं। आदिवासी समुदाय के लिये यह एक चुनौती से कम नहीं है। जो भविष्य के लिए गंभीर खतरा से कम नहीं। वहीं दूसरी ओर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एल एस उदय ने कोरिया जिला मुख्यालय में आयोजित एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन एवं जन आन्दोलन में अपने आसन्दी से कहा है कि गोंडवाना साम्राज्यवादी मूलनिवासी समुदाय को शोसल मीडिया में जिस लिहाज से अपमानित करने की चेष्टा किया गया है। यहां हम कोई बदले की लड़ाई नहीं, बल्कि सामाज की स्वाभिमान और सम्मान के लिए आज सड़को पर हैं। यह लड़ाई तब तक जारी रखेंगे, जब तक दोषी तत्वों पर शीघ्र कार्यवाही नहीं हो जाती। इस दौरान जंनादोलन में अतिथि के रूप में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इंजी संजय सिंह कमरो ने कहा कि प्रदेश सरकार आदि वासियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ करना बंद करे। हमारे धरातल में जब हम हमारे पूर्वजों का कोई प्रतिमा स्थापित करते हैं,तो सरकार के नाक के नीचे प्रतिमा को तोड़ दिया जाता है और सरकार के जिम्मेदार नौकरशाह अपराधियों को पकड़ने के वजाय समुदाय को उद्द्वेलित करें, कहां की न्याय व्यवस्था है? उन्होने कहा कि कोरिया जिले में आदिवासियों को अपमान जनक शब्दों से प्रचारित करने के दोषियों सहित हमारे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत
दादा हीरासिंह मरकाम जी के प्रतिमा को तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई नहीं करने पर हमारी पार्टी 28 फरवरी 2022 को देश व्यापी आन्दोलन के साथ ही साथ कोरबा जिला के प्रभावित प्रतिमा स्थल गुरसिया में हाइवे जाम तथा रास्ता रोको जन जंनादोलन किया जा सकता है । जिसका सम्पूर्ण क्षति की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार को होगी। इस एक दिवसीय घरना प्रदर्शन में पूरे जिले से हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्त्ता एवं पदाधिकारियो ने हिस्सा लिया।