कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं हुई, घरेलू हिंसा का शाम 6 से 11 बजे के बीच

शिकायत तो करती हैं, प्रकरण दर्ज नहीं कराती
आंकड़े बताते हैं…
8301
महिलाओं ने घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया 2020-21 में
जिले केस
आगर 00
भिंड 01
अनूपपुर 11
निवाड़ी 14
शाजापुर 15
बडवानी 21
खरगोन 24
अलीराजपुर 27
देवास 31
रीवा 36
हरदा 40
सखी वन स्टॉप क्राइसिस के आंकड़ों के विश्लेषण से एक बात ओर निकलकर आई कि घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं शिकायत तो करती है लेकिन परिवार न बिगड़े इसलिए पति व ससुराल वालों के खिलाफ प्रकरण नहीं दर्ज कराती है। सन 2020-21 में प्रदेशभर से सखी में 21,345 महिलाओं ने शिकायत की। जब प्रकरण दर्ज कराने की बात सामने आई तो केवल 8301 महिलाएं ही हिम्मत जुटा पाई। भोपाल की बात करें तोे इस दौरान 7339 महिलाओं ने घरेलू हिंसा की शिकायत की। लेकिन 397 महिलाओं ने प्रकरण दर्ज कराए।
उज्जैन 501
विदिशा 445
जबलपुर 431
इंदौर 430
भोपाल 397
रतलाम 339
सागर 323
गुना 299
कटनी 254
बुरहानपुर 231
सबसे कम घरेलू हिंसा वाले जिले
घरेलू हिंसा… यहां उज्जैन टॉप पर…
पहले थाने, महिला आयोग जाने से झिझकती थीं, लेकिन अब खुलकर शिकायत करती हैं…
कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हुई है। 2020-21 में भोपाल सहित प्रदेशभर में करीब 8301 महिलाओं ने घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया है। खास बात यह है कि सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा शाम 6 से 11 बजे के बीच हुई है। यह खुलासा महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ों और पीड़िताओं की शिकायतों के विश्लेषण से हुआ है। घरेलू हिंसा के मामले में इंदौर चौथे तो भोपाल पांचवें नंबर पर है।


घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं पहले थाने, महिला आयोग व काेर्ट जाने से बचती थीं। महिलाओं को एक ही छत के नीचे सभी तरह की शिकायत दर्ज करने के लिए 2016 में पहला स्टॉप क्राइसिस भोपाल में खोला गया था। जब महिलाओं ने यहां खुलकर शिकायत की तो महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रदेश के 52 जिलों में सखी वन स्टॉप क्राइसिस की स्थापना की। इन सेंटर में महिलाओं द्वारा की गई शिकायतों का विश्लेषण किया तो पता चला कि सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा की शिकार शाम 6 बजे के बाद होती है। कई महिलाओं को तो पति और ससुराल वालों ने ही रात को ही घर से निकाला है।

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