सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक बात बीमा करने के बाद बीमा कंपनी प्रस्तावक फार्म में उजागर की गई बीमित व्यक्ति की वर्तमान चिकित्सकीय स्थिति का हवाला देकर क्लेम देने से इनकार नहीं कर सकती जस्टिस डिवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना टीवी पीठ ने कहा बीमा लेने वाले व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह अपनी जानकारी के मुताबिक सभी तथ्यों को बीमा कंपनी के समक्ष उजागर करें यह माना जाता है कि बीमा लेने वाला व्यक्ति प्रस्तावित सीमा से जुड़े सभी तथ्यों और परिस्थितियों को जानता है हालांकि बीमा लेने वाला व्यक्ति वही चीजें उजागर कर सकता है जो उसे पता है लेकिन तथ्यों को उजागर करने का उसका दायित्व उसकी वास्तविक जानकारी तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें उन तथ्यों को उजागर करना भी शामिल है जो उसे सामान्य तौर पर पता होने चाहिए पीटने एक बार बीमीतव्यक्ति की चिकित्सकीय स्थिति का आप लंच करने के बाद पालिसी जारी कर दी जाती है जो बीमा कंपनी वर्तमान चिकित्सकीय स्थिति का हवाला देने हए फ्लेम खारिज कर सकती जिसे बीमित ने प्रस्ताव फार्म में उजागर किया था और जिसकी वजह से वह खास खतरे की स्थिति उत्पन्न हुई जिस के संबंध में बीमित व्यक्ति ने क्लेम प्रस्तत किया है।