प्रदेश के 16 आदिवासी बहुल जिलो में बीते 5 साल के दौरान 36 करोड़ की राशि खर्च करने के बाद एक भी खेल अकादमी स्थापित नहीं हुई है 5 साल के भीतर 54,903 गांवो मैं खेल मैदान बनने की अपेक्षा मात्र 253 ही खेल मैदान बने उधर उदयगढ़ अली राजपूत तथा जोबट में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 16 करोड का भ्रष्टाचार किया है यह खुलासा कैग ने अपनी रिपोर्ट में किया है वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार को विधानसभा में भारत के नियंत्रण महालेखा परीक्षक का वित्तीय वर्ष 31 मार्च 2019 की स्थिति में प्रतिवेदन पेश किया पुलिस विभाग में 26,536 पद खाली होने के बावजूद भर्ती करने के लिए पीईबी को देरी से मांग पत्र भेजा गया फील्ड के थानों में स्टाफ की कमी के बावजूद पुलिस लाइनों में 37.67 फीसदी अमला अधिक पदस्थ रखा गया।
निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग सेंटर विस्थापित करने सीमांत कृष्णो को किराए पर ट्रैक्टर और कृषि उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए अनुदान राशि जारी करने में 2.36 गढ़वाली सामने आई।
पशुओं की नस्ल सुधारने के नाम पर 3 साल में 15.61 करोड़ की राशि खर्च की गई लेकिन 5.53 करोड़ रुपए का उपयोग हितग्राहियों ने नहीं किया और 3.43 करोड़ रुपए की बसूली किसानों से नहीं की गई।
847 अपात्र किसानों को बीच वितरण में सरकार को 10.63 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा किसानों को बीज का वितरण 6 माह की देरी से हुआ।
वाणिज्यक कर विभाग ने पर योग्य टर्नओवर का 32.69 करोड़ का काम निर्धारण किया इससे 2.99 करोड़ का टैक्स एवं 7.43 करोड़ के दंड की वसूली नहीं हुई।
मप्र मैं वेट अधिनियम के प्रावधानों का सही ढंग से पालन नहीं करने की वजह से 3.19 करोड़ का टैक्स और 3.77 करो का शास्त दंड वसूल नहीं किया गया।
स्थानीय क्षेत्र में प्रवेश पर कर नहीं लगाने अथवा गलत दर से टैक्स लगाने की वजह से करीब 3 करोड़ का नुकसान सरकार को हुआ।
बिना सत्यापन व्यापारियों ने निर्धारित कर कि कम राशि जमा करने की वजह से सरकार को 8.88 करोड़ की चपत लगी।
369 करदाताओं ने अनियमित रूप से ट्रेन-1 मैं रुपए 11.49 करोड़ का ट्रांजिशन क्रेडिट दिया गया।
संपत्ति का सही मूल्य निर्धारण नहीं होने से 359 करोड़ का मुद्रांक शुल्क जमा नहीं हो सका।