सोनोग्राफी की बढ़ती एडवांस तकनीक का उपयोग कर शरीर में होने वाले विभिन्न कैंसर का पहचाना जा सकता है इसमें सबसे खास है थायराइड ग्रंथि में अर्ली कैंसर की पहचान यह बात मुंबई से भोपाल आए सोनोग्राफी विशेषज्ञ राजस चौबल ने कहीं वह भोपाल में आयोजित दो दिवसीय कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए आए थे इस का कांफ्रेंस का आयोजन इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन द्वारा किया गया है आयोजन अध्यक्ष डॉ शैलेश लुणावत ने बताया कि इस कांफ्रेंस का उद्देश्य से रेडियोलॉजी तकनीक में हो रहे नित नए बदलाव को आपस में साझा करना है कान्फ्रेंस में डॉक्टर श्वेता नागर ने बताया कि इलास्टोसोनोग्राफी की मदद से महिलाओं में स्तन कैंसर का पता लगाया जा सकता है इससे स्तन में गठान है या नहीं इसकी जांच की जा सकती है वही डॉक्टर सुधीर गोखले ने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे में होने वाली दिमागी खराबी को जांचने के लिए दोनों ग्राफी एक अच्छी तकनीक है कान्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ शैलेश गुनावत ने कहा कि इस आयोजन में सोनोग्राफी की नई तकनीक 4 डी मशीनों को प्रदर्शन किया जा रहा है।