वैज्ञानिक सोच के लिए ‘‘वी लव साइंस’’ कैंपेन की शुरूआत विज्ञान के प्रति श्रद्धा और सम्मान जरूरी : पद्मश्री वर्मा विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का मकसद

संवादाता । एम.जी. सरवर

भोपाल | प्रख्यात विज्ञानी और विज्ञान किताबों के लेखक पद्मश्री प्रो एचसी वर्मा ने आज “वी लव साइंस” कैंपेन की शुरूआत की। एक वैज्ञानिक समाज के निर्माण और वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने के लिए सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी के इस कैंपेन की शुरूआत प्रो. वर्मा ने रीजनल साइंस सेंटर में कैंपेन के लोगो का अनावरण कर की। इस अवसर पर अलग-अलग जिलों से आए शिक्षक, विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रो. वर्मा ने कहा कि “वी लव साइंस” अभियान जन-जागरूकता का एक बड़ा आधार तैयार करेगा। विज्ञान को जन-जन तक ले जाने के लिए ऐसे अभियानों की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के प्रति श्रद्धा और सम्मान जरूरी है। जिंदगी को विज्ञान से जोड़ना होगा। जैसे घर में जो खाना बनता है, उससे भी विज्ञान को सीखा और समझा जा सकता है। जब बच्चे विज्ञान को जीवन से जोड़कर देखेंगे तो विज्ञान की सुदंरता को समझ पाएंगे। वैज्ञानिक सोच हमें समस्याओं के समाधान की ओर ले जाती है।
सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. मोनिका जैन ने कैंपेन के बारे में बताते हुए कहा कि कोविड.19 की पहली और दूसरी लहर में हमने वो देखाए जो कल्पना से परे था। पूरी दुनिया में हाहाकार था। घनघोर अंधेरे और निराशा भरे माहौल में विज्ञान उम्मीद की एक किरण बना। विज्ञान ने ही एक पूरी सदी और पूरे संसार को बचाया। एक बार फिर साबित हुआ कि विज्ञान के बिना हम अधूरे हैं और वैज्ञानिक सोच के बिना हमारी शिक्षा और तरक्की का कोई महत्व नहीं।
पर्यावरण से हुए खिलवाड़ के दुष्परिणामों का सिलसिला कोविड.19 के बाद भी थमेगा यह तय नहींए लेकिन जिस दिन पूरा समाज वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपना लेगाए उस दिन हम शायद इन दुष्परिणामों से निपटपने में सक्षम हो जाएं। इसलिए श्वी लव साइंसश् आज जरूरी है।
वी लव साइंस. विज्ञान को जन.जन तक ले जाने का एक जन आंदोलन है। इस आंदोलन का मकसदए समाज में वैज्ञानिक सोच और व्यवहार को प्रोत्साहित करना है ताकि हम भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकें।
क्या है कैंपेन
जन-मानस में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करना। वैज्ञानिक व्यवहार को प्रोत्साहित करना।
ऐसे चलेगा कैंपेन
स्कूल और कॉलेजों के टीचर्स और स्टूडेंट के साथ इस अभियान की शुरूआत होगी। स्टूडेंट्स के माध्यम से इस संदेष को लोगों का पहुंचाया जाएगा। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों के लिए कई प्रकार की गतिविधियां तैयार की गईं। हाट बाजार, चौक-चौराहों, बस्तियों में गतिविधियां होंगी। समाज के प्रबुद्ध जनों को जोड़ा जाएगा।
आमजन ऐसे जुड़ेंगे कैंपेन से

डा.राजीव जैन ने बताया की स्वच्छता पर बात करना, मास्क लगाने और वैक्सीनेशन के लिए जागरूक करना, यथासंभव प्लास्टिक का उपयोग बंद करना, पानी बचाना, वृक्षारोपण, ऊर्जा की बचत जैसी छोटी-छोटी पहल करके आमजन इस अभियान से जुड़ सकेंगे। सोसायटी की वेबसाइट पर अपनी कार्यों की जानकारी दी जा सकती है। सोसायटी की वालेंटियर्स ऐसे लोगों से संपर्क करेंगे।

कैंपेन की आवश्यकता से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
संविधान की अपेक्षा
भारत के संविधान के अनुच्छेद 51-ए (एच) में देश के नागरिकों से अपेक्षा की गई है कि वे वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं। यह उनका कर्त्तव्य है।
नई शिक्षा नीति
भारत की नई शिक्षा नीति 2020 में रचनात्मक अध्ययन, पठन-पाठन पर बल दिया गया। यह अभियान इस लक्ष्य को पूरा करने में सहयोगी होगा।
कोविड-19 महामारी
कोविड और इसी तरह की भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण एक हथियार है।
सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल (एसडीजी)
एसडीजी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वैज्ञानिक व्यवहार की अपेक्षा की गई

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