नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे की जेलों में बंद असैन्य कैदियों और मछुआरे की सूची सोमवार को साझा की। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत के निरंतर प्रयासों की बदौलत 2014 से अब तक 2639 भारतीय मछुआरों और 71 असैन्य कैदियों को को पाकिस्तान से वापस लाया गया है।बता दें कि दोनों देश 2008 के द्विपक्षीय समझौते के तहत वर्ष में दो बार एक जनवरी और एक जुलाई को इस तरह की सूची साझा करते हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत ने पाकिस्तान को अपनी जेलों में बंद 366 असैन्य कैदियों और 86 मछुआरों की सूची दी है। ये कैदी पाकिस्तानी हैं या इन्हें पाकिस्तानी माना जाता है। इसी तरह अपनी जेलों में बंद 43 असैन्य कैदियों और 211 मछुआरों के नाम साझा किए हैं जो भारतीय हैं या जिनके भारतीय होने की संभावना है।
भारतीय रक्षा कर्मियों की शीघ्र रिहाई किया आह्वान
भारत सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत से असैन्य कैदियों, मछुआरों और उनकी नौकाओं तथा लापता भारतीय रक्षा कर्मियों की शीघ्र रिहाई और स्वदेश भेजने का आह्वान किया है। मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान से उन 185 भारतीय मछुआरों और असैन्य कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी में तेजी लाने को कहा गया है, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है।
पाकिस्तान से यह भी कहा गया है कि वह उन 47 असैन्य कैदियों और मछुआरों को तत्काल राजनयिक पहुंच प्रदान करे, जिन्हें भारतीय नागरिक माना जाता है। पाकिस्तान से सभी भारतीय असैन्य कैदियों और मछुआरों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।
स्वदेश भेजने की प्रक्रिया रुकी हुई है
भारत ने पाकिस्तान से भारत की जेल में मौजूद 75 पाकिस्तानी असैन्य कैदियों और मछुआरों की नागरिकता सत्यापन प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है। पाकिस्तान से नागरिकता की पुष्टि नहीं होने के कारण इन कैदियों को स्वदेश भेजने की प्रक्रिया रुकी हुई है।
पाकिस्तान ने 1965 और 1971 के युद्धों के लापता सैनिकों की सूची सौंपी
पाकिस्तान ने भारत को 1965 और 1971 के युद्धों में कथित तौर पर लापता हुए सैनिकों की सूची भी सौंपी। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, पाकिस्तान ने 38 लापता पाकिस्तानी सैनिकों की सूची सौंपी है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे 1965 और 1971 के युद्धों के बाद से भारत की जेलों में हैं।