नई दिल्ली:मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए एंट्रेस एग्जाम NEET के पेपर लीक को लेकर देशभर में बवाल मचा है. छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इस बीच पुलिस की जांच में एक और क्वालिफाइंग एग्जाम के पेपर लीक में बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. उत्तर प्रदेश में रिव्यू ऑफिसर /असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर पोस्ट के लिए 11 फरवरी को हुआ एग्जाम पेपर लीक के आरोपों के बाद कैंसिल कर दिया गया है. इस एग्जाम में 10 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स शामिल हुए थे. हालांकि, यूपी प्रशासन ने पेपर लीक के आरोपों को खारिज किया है. गाजीपुर की जिला मजिस्ट्रेट आर्यका अखौरी ने कहा, “कोई पेपर लीक नहीं हुआ था. मैं इसका पूरी तरह से खंडन करती हूं. सेंटर इंविजिलेटर की ओर से लापरवाही हुई. उन्होंने एग्जाम हॉल के बजाय कंट्रोल रूम में क्वेश्चन पेपर का बंडल खोल दिया था.” दूसरी ओर पुलिस की जांच में सामने आया कि यूपी रिव्यू ऑफिसर/असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर (RO/ARO)के एग्जाम का पेपर 950 किमी दूर भोपाल से लीक किया गया था. इसमें इंजीनियरिंग के 4 छात्र शामिल थे. आइए समझते हैं कि इंजीनियरिंग के 4 छात्रों ने कैसे इतने बड़े पेपर लीक को अंजाम दिया.
पुलिस की जांच में क्या सामने आया?
यूपी पुलिस STF ने RO/ARO एग्जाम पेपर लीक मामले में प्रयागराज जिले के कीडगंज में एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले सुनील रघुवंशी समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पेपर 11 फरवरी की सुबह प्रयागराज के एग्जाम सेंटर बिशप जॉन्सन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज से लीक कराया गया था. जांच टीम को शक हुआ कि पेपर इस एग्जाम सेंटर के अलावा कहीं और से भी लीक कराया गया हो सकता है. ऐसे में प्रिंटिंग प्रेस के बारे में जानकारी ली गई, तो पता चला कि पेपर भोपाल से प्रिंट करवाया गया था. यूपी पुलिस STF की जांच में सामने आया कि RO/ARO एग्जाम का पेपर राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी (प्रिटिंग प्रेस कर्मचारी) नाम के 4 इंजीनियरों ने लीक किया था. चारों अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़े थे.सूत्रों ने बताया कि स्कूल में दूसरा पेपर लीक एग्जाम से कुछ घंटे पहले हुआ. एग्जाम की मॉनिटरिंग कर रहे अर्पित विनीत यशवंत ने एग्जाम की सुबह 6.30 बजे क्वेश्चन पेपर की फोटो ली थी. इस मामले में अर्पित समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ पेपर
STF को क्वेश्चन पेपर लीक का भोपाल से कनेक्शन मिला है. पेपर भोपाल की किसी प्रिंटिंग प्रेस में छपे थे. एग्जाम पेपर लीक के मास्टरमाइंडों में से एक राजीव नयन मिश्रा ने एक प्रिंटिंग प्रेस स्टाफ सुनील रघुवंशी (भोपाल), विशाल दुबे (प्रयागराज) और सुभाष प्रकाश (मधुबनी) के साथ मिलकर इसकी साजिश रची थी. इन सभी के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है. इसमें संदीप पांडेय (प्रयागराज), अमरजीत शर्मा (गया), विवेक उपाध्याय (बलिया) ने साथ दिया था. ये सभी इंजीनियरिंग कॉलेज से पास आउट हैं. विशाल दुबे के जरिये राजीव नयन मिश्रा की मुलाकात सुनील रघुवंशी से हुई थी. सुनील रघुवंशी और विशाल दुबे इंजीनियरिंग कॉलेज में एक साथ पढ़ा करते थे. सुनील प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था. जबकि विशाल और सुभाष इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों के प्रवेश की व्यवस्था करते थे. जब विशाल को पता चला कि उसका बैचमेट प्रिटिंग प्रेस वाली जगह पर काम करता है, तो उसने राजीव मिश्रा को इसकी जानकारी दी. तीनों से पेपर लीक की साजिश रची. उन्होंने सुनील रघुवंशी को मदद करने के लिए तैयार हुआ. क्वेश्चन पेपर सौंपने के लिए मोटी रकम भी दी.