चीनी मोबाइल कितने सुरक्षित हैं? कहीं चीन अपनी मोबाइल कंपनियों के जरिए जासूसी तो नहीं कर रहा हैं? इस शंका के बाद भारत सरकार ने कडा कदम उठाया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी समार्ट फोन ब्रांंड वीवो, ओपो, शाओमी व वनप्लस को नोटिस भेजा है। इससे इन कंपनियों में हड़कंप मच गया है। दूसरी ओर सरकार राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन व अन्य सरकारी निकायों के साथ नया नियम लाने की तैयारी में है। इसके तहत कोई चीनी मोबाइल बिना जांच सर्टिफिकेट के नहीं बेचा जा सकेगा।
रिपोर्ट के अनुसार स्मार्टफोन की गहनता से जांच के लिए सभी पार्ट्स, प्री इंस्टॉल ऐप्स के बारे में जानकारी देनी होगी। बिना इसके कोई चाइनीज कंपनी बाजार में मोबाइल की बिक्री नहीं कर सकेगी। सरकार ने यह कदम चीन की बड़ी कंपनियों जैसे हुवावे व जेडटीई को टेलीकॉम नेटवर्किंगके संवेदनशील क्षेत्रों से दूर के लिए उठाया है।
अन्य कंपनियों पर भी लागू होगा
नए नियम चीनी स्मार्टफोन के अलावा अन्य मोबाइल कंपनियों पर भी लागू होंगे। सरकार उन देशों की कंपनियों के लिए अलग नियम लागू कर सकती है, जिनके साथ भारत अपनी सीमायें साझा करता है।
हाल ही में डबलिन के ट्रिनिटी कॉलेज में हुए शोध के अनुसार एंड्रॉइड मोबाइल फोन में प्री इंस्टॉल ऐप्स से डाटा थर्ड पार्टी को शेयर होने की पुष्टि हुई थी। भले आप उस प्री इंस्टॉल ऐप का प्रयोग न करते हों। कुछ प्री ऐप्स रोकने के बाद भी डेटा ट्रांसफर करते रहते है। इसमें इमेज, वीडियो, लोकेशन आदि शामिल है। यह रिसर्च शोओमी, हुआवेई, रीयलमी, ओप्पो व सैमसंग कंपनी के सेटो पर रिसर्च की गई थी।