सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) सुप्रीमो व मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग सिक्किम सरकार में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री का पदभार संभालेंगे। इसके लिए वह आगामी 9 जून 2024 को शपथ ग्रहण करेंगे। शपथ ग्रहण कार्यक्रम राजधानी गंगटोक के पालजोर स्टेडियम में आयोजन किया जाएगा। शपथ ग्रहण कार्यक्रम के अवसर पर पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।बुधवार को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि एसकेएम केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ गठबंधन में रहेगी। एसकेएम विधायक दलों ने प्रेम सिंह तमांग को सर्वसम्मति से उनके दूसरे कार्यकाल के लिए नेता व मुख्यमंत्री चुना गया है। हाल ही संपन्न सिक्किम विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री तामांग की पार्टी एसकेएम ने विधानसभा के 32 में 31 सीटों जीत हासिल कर फिर से सत्ता में वापसी की है। उनके जीत का जश्न आज राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री तामांग ने पक्योंग जिला के रिनाक विधानसभा और सोरेंग जिले के सोरेंग च्याखूंग विधानसभा समस्टी से चुनाव लड़ा था। तामांग के विरुद्ध रिनाक से सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के पूर्व मंत्री सोमनाथ पौड्याल चुनाव लड़े थे, जिन्हें 7044 वोटों की भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही सोरेंग च्याखूंग से उनके विरुद्ध एसडीएफ ने डॉ. ए.डी सुब्बा को 5128 वोटों से हराया था। वर्ष 2019 में सोरेंग च्याखूंग क्षेत्र से मुख्यमंत्री के पुत्र आदित्य गोले विधायक थे। अब आने वाली उपचुनाव में मुख्यमंत्री अपने बेटे को टिकट देंगे या नहीं यह दिलचस्प बात है। सिक्किम विधानसभा इतिहास में 31 सीट जीतकर सत्ता में आने की घटना पहली बार नहीं है। वर्ष 1973 के विधानसभा चुनाव में एल.डी काजी की सिक्किम नेशनल पार्टी ने 31 सीट जीते थे। इसी प्रकार से वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नर बहादुर भंडारी की सिक्किम संग्राम परिषद ने 32 सीट पर जीत हासिल की थी। 2009 के विधानसभा चुनाव में पावन चमलिंग की एसडीएफ पार्टी ने 32 में 32 सीट में जीत हासिल की थी। इसके अलावा वर्ष 2004 में भी एसडीएफ ने 31 सीट जीत ली थी। एसकेएम की राजनीतिक इतिहास में यह सबसे बड़ी जीत मानी जा सकती है। 2013 में पार्टी गठन के बाद 2014 के आम चुनाव में एसकेएम को 10 सीट मिली थीं। इसके बाद 2019 में 17 सीट जीतकर सत्ता में आई। इस बार 2004 की एसडीएफ के रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए एसकेएम ने 31 सीट जीत ली हैं।