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मध्यप्रदेश में बिजली गिरने से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा रायसेन जिले के चार लोग चपेट में आए हैं।
मध्यप्रदेश में इस समय मौसम बिगड़ा है। कई जिलों में बारिश और ओले गिर रहे हैं। इधर बिजली गिरने से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा रायसेन जिले के चार लोग चपेट में आए हैं। वहीं खंडवा जिले में दो महिलाओं पर बिजली गिरी है। मौसम विभाग ने रविवार को भी शहडोल संभाग के जिलों में तथा छतरपुर, टीकमगढ़, कटनी, बैतूल जिलों में वज्रपात का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
बता दें कि प्रदेश में बीते कुछ दिनों से बारिश-ओले गिर रहे हैं। प्रदेश के 26 जिलों में पिछले 24 घंटे से बारिश जारी है। इससे फसलें तबाह हो रही हैं, वहीं बिजली गिरने से अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। रायसेन में 4, खंडवा में 2 तो दमोह-नर्मदापुरम-सागर-बैतूल-अशोकनगर-धार में 1-1 व्यक्ति की मौत वज्रपात से होना बताया जा रहा है। बैतूल में बिजली गिरने 33 बकरे-बकरियों की मौत भी हुई है। बताया जा रहा है कि ये मवेशी बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे खड़े थे तभी बिजली गिर गई।
खंडवा में दो महिलाओं की मौत
खंडवा में शनिवार दोपहर आकाशीय बिजली गिरने से खेत में काम कर रही दो महिलाओं की मौत हो गई। इसके अलावा चार अन्य लोग भी झुलस गए। घटना पंधाना थाना क्षेत्र अंर्तगत ग्राम बाबली और अंजनगांव की है। गांव में पिंकी और रविता समेत अन्य महिलाएं खेत में गेहूं फसल की कटाई कर रही थीं। इसी दौरान बारिश शुरू हो गई। बिजली गिरने से पिंकी और रविता की मौत हो गई।
कई जिलों में बिजली गिरने की आशंका
मौसम विभाग की मानें तो बीते 24 घंटों में प्रदेश के नर्मदापुरम, शहडोल, जबलपुर, चंबल संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर, उज्जैन, सागर, इंदौर तथा ग्वालियर संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर, रीवा-भोपाल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। अगले 24 घंटों का पूर्वानुमान कहता है कि शहडोल, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा, सागर संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है। इसके साथ ही जबलपुर, सागर, रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि दक्षिण-पूर्वी हवाएं बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी लेकर आ रही है। इन दोनों के मिश्रण से प्रदेश में बारिश, ओलावृष्टि और तेज आंधी का असर है। 20 मार्च तक ऐसी ही स्थिति रहेगी।