मध्यप्रदेश में चार महीने की कड़ी मेहनत के बाद उज्जैन जिले की बेटी का नाम वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। उन्होंने एमबीए पूरा किया, लेकिन लेखन में इतनी रुचि थी कि दो दिन में बाबा महाकाल पर 200 शायरी लिख दी।
हर्षिता का नाम वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज
मुझे लेखन का शौक शुरुआत से ही है। पहले मैं सोशल प्लेटफॉर्म ट्विटर पर स्वरांजलि ग्रुप पर मिलने वाले कुछ टॉपिक पर शायरियां लिखती थी, जिसके बाद मैंने इंस्टाग्राम पर कुछ लेखकों के बारे में पढ़ा। इससे लेखन के क्षेत्र में मेरी रुचि और भी बढ़ती गई, जिसका परिणाम है कि चार साल और दो महीने की मेहनत के बाद वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड में आज मेरा नाम दर्ज हो चुका है। यह कहना है हर्षिता पिता प्रकाशचंद व्यास का, जिन्होंने महज दो दिनों में बाबा महाकाल पर 200 शायरियां लिखकर वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाकर अपने माता-पिता ही नहीं, बल्कि उज्जैन जिले का नाम भी गौरवान्वित किया है।
हर्षिता ने बताया, साल 2019 में मैंने शायरी लिखने की शुरुआत की थी। पहले मैंने सिर्फ दो लाइन की शायरियां लिखी थी, जिसके बाद धीरे-धीरे मेरी रुचि और बढ़ती गई और मैंने इस पर कविताएं लिखना शुरू कर दिया। हर्षिता ने बताया, पहले मैं विभिन्न विषयों पर लेखन करती थी, लेकिन जब वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम से हर्षिता का संपर्क हुआ तो उन्होंने इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए बाबा महाकाल पर शायरी लिखने की बात टीम के सदस्यों से कही थी। यही कारण रहा कि दो दिन की मेहनत के बाद हर्षिता ने बाबा महाकाल पर 200 शायरियां लिखी। उसके बाद वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड संस्था का सर्टिफिकेट और गोल्डन मेडल हर्षिता को सम्मान स्वरूप मिला है।
कई बड़े पब्लिकेशन में प्रकाशित हो चुकी है हर्षिता की कविताएं,
हर्षिता ने बताया कि अंबाला का द क्विल हाउस पब्लिकेशन हो या फिर उत्तर प्रदेश का ड्रीम पब्लिशर हर बड़े पब्लिकेशन में उनकी कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने बताया, मेरी द सिल्वर्ड आइज मैगजीन प्रकाशन के बाद बाजार में आ चुकी है, बाकि आने वाले समय में द मैग्नेटिक मेग मैगजीन भी जल्द आने वाली है।
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