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। यह कार्यक्रम मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शहीदी सप्ताह और वीर बाल दिवस हमारी सिख परंपरा के लिए भावों से भरा जरूर है लेकिन इससे आकाश जैसी अनंत प्रेरणा जुड़ी हैं। वीर बाल दिवस हमें याद दिलाएगा कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय आयु मायने नहीं रखती। यह याद दिलाएगा कि दस गुरुओं का योगदान क्या है।
पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से पहले ट्विटर पर कहा कि वीर बाल दिवस पर हम साहिबजादों और माता गुजरी जी के साहस को याद करते हैं। हम श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहस को भी याद करते हैं। आज दोपहर 12:30 बजे एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस प्रेरक दिन को चिह्नित करें।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें याद दिलाएगा कि दश गुरुओं का योगदान क्या है, देश के स्वाभिमान के लिए सिख परंपरा का बलिदान क्या है! ‘वीर बाल दिवस’ हमें बताएगा कि भारत क्या है, भारत की पहचान क्या है!
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं वीर साहिबजादों के चरणों में नमन करते हुए उन्हें कृतज्ञ श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इसे मैं अपनी सरकार का सौभाग्य मानता हूं कि उसे आज 26 दिसंबर के दिन को ‘वीर बाल दिवस’ के तौर पर घोषित करने का मौका मिला। मैं पिता दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी और सभी गुरुओं के चरणों में भी भक्तिभाव से प्रणाम करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं मातृशक्ति की प्रतीक माता गुजरी के चरणों में भी अपना शीश झुकाता हूं। इतिहास से लेकर किंवदंतियों तक, हर क्रूर चेहरे के सामने महानायकों और महानायिकाओं के भी एक से एक महान चरित्र रहे हैं। लेकिन ये भी सच है कि चमकौर और सरहिंद के युद्ध में जो कुछ हुआ, वो भूतो न भविष्यति था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक ओर धार्मिक कट्टरता में अंधी इतनी बड़ी मुगल सल्तनत। दूसरी ओर ज्ञान और तपस्या में तपे हुए हमारे गुरु, भारत के प्राचीन मानवीय मूल्यों को जीने वाली परंपरा! एक ओर आतंक की पराकाष्ठा, तो दूसरी ओर अध्यात्म का शीर्ष ! एक ओर मजहबी उन्माद, तो दूसरी ओर सबमें ईश्वर देखने वाली उदारता! इस सबके बीच, एक ओर लाखों की फौज और दूसरी ओर अकेले होकर भी निडर खड़े गुरु के वीर साहिबजादे!
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये वीर साहिबजादे किसी धमकी से डरे नहीं, किसी के सामने झुके नहीं। अगर हमें भारत को भविष्य में सफलता के शिखरों तक लेकर जाना है, तो हमें अतीत के संकुचित नजरियों से भी आज़ाद होना होगा। इसलिए, आजादी के ‘अमृत काल’ में देश ने ‘गुलामी की मानसिकता से मुक्ति’ का प्राण फूंका है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर 26 दिसंबर को सिख गुरु के बेटों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
बच्चों के मार्च पास्ट को दिखाएंगे हरी झंडी
ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में 3000 बच्चों द्वारा मार्च-पास्ट निकाला जाएगा, जिसे पीएम मोदी हरी झंडी दिखाएंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गई है। पीएमओ के मुताबिक केंद्र सरकार नागरिकों, विशेष रूप से छोटे बच्चों को सिखों के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों के अनुकरणीय साहस की कहानी के बारे में बताने के लिए पूरे देश में संवादात्मक और सहभागी कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी कर रही है।