शराबियों की पैरवी करने वालों का होना चाहिए सामाजिक बहिष्कार,गोरखपुर थाने में दो शराबियों की पैरवी करने पहुंचे भाजपा नेताओं की पुलिस के साथ गहमागहमी हुई।

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Jabalpur News : शराबियों की पैरवी करने वालों का होना चाहिए सामाजिक बहिष्कार

 पुलिस की तरफ से कई वीडियो भी जारी हुए। इस मामले में पुलिस ने दो युवकों को स्कूल में शराब पीते पकड़ा था। जिसके समर्थन में भाजपा के नगर अध्यक्ष समेत महामंत्री और कई वरिष्ठ कार्यकर्ता थाने पहुंच गए। अब भाजपा जहां मामले में पुलिस कार्रवाई का हवाला देते हुए विरोध को जायज बता रहे हैं वहीं कांग्रेस शराबियों की पैरवी करने वालों को गलत ठहरा रही है। उनका सामाजिक बहिष्कार करने की बात हो रही है। इधर पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना से जुड़े सीसीटीवी की जांच हो रही है।

क्या है मामला-

गुरुवार को रामपुर के एक स्कूल में देर रात दो युवक शराब पीते पुलिस ने पकड़ा। आरोपितों को थाने लाया गया इस दौरान भाजपा के नर्मदा मंडल अध्यक्ष कौशल सूरी और भाजपा नगर महामंत्री रजनीश यादव समर्थकों के साथ थाने पहुंच गए। जहां पर उन्होंने आरोपितों पर गलत कार्रवाई करने का विरोध किया। इस दौरान पुलिस के साथ काफी विवाद हुआ। जानकारी लगने पर नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर, युवा मोर्चा अध्यक्ष योगेंद्र सिंह, कांके आनंद, अंजू भार्गव भी पहुंच गई। इस संवाद के बीच पुलिस कर्मियों के साथ तख्त लिहाज में बातचीत करते हुए देख लेने की बात कहीं जा रही थी। पुलिस ने इस प्रकरण में धारा 34 ए के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

इस मामले में भाजपा नेत्री अंजू भार्गव ने कहा कि उनके पास जानकारी आई कि पुलिस कार्यकर्ताओं के साथ गलत व्यवहार कर फर्जी मामले बना रही है। जिन युवकों को शराब पीते पकड़ा उसने खिलाफ शराब पीने का मामला बनाया जाता लेकिन पुलिस पूर्वग्रह से ग्रस्त होकर बेवजह 185 के तहत मामला बनाने पर अड़ी थी। जिसको लेकर विरोध था। थाना प्रभारी लगातार कार्यकर्ताओं को इसी तरह फर्जी मामले लगाकर परेशान कर रहे हैं। इधर युवा मोर्चा अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने कहा कि हम गलत कार्रवाई के खिलाफ थाने गए थे। पुलिस जिस युवकों के पास गाड़ी नहीं थी उनके खिलाफ शराब पीकर गाड़ी चलाने का गलत मामला दर्ज किया जा रहा था। वहीं कांग्रेस से पश्चिम क्षेत्र के विधायक तरूण भानोत ने कहा ये मामला राजनीति से हटकर देखा जाना चाहिए। शिक्षा के मंदिर में शराब पीना सर्वथा अनुचित है। ऐसे लोगों को बचाने के लिए थाने पहुंचने वालों को नैतिकता का ख्याल रखना चाहिए। ऐसे नेताओं का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए। इस मामले को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। उत्तर मध्य से विधायक विनय सक्सेना ने भी कहा कि ऐसे मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए। अनैतिक गतिविधियां समाज विरोधी है इसको लेकर पुलिस कार्रवाई पर दवाब बनाना सहीं नहीं है इससे पुलिस का मनोबल गिरता है। गोरखपुर थाना प्रभारी एसपीएस बघेल ने कहा कि स्कूल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच हो रही है। पूरा प्रकरण जांच में है।

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