इंदौर में बोले जैन समाज के लोग-सम्मेद शिखर में हमारी आस्था, मनोरंजन का स्थान नहीं
सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने का देशभर में विरोध हुआ। अब सरकार झुक गई है, जैन समाज के लोगों का कहना है कि सरकार का फैसला ही विचित्र रहा। आस्था के केंद्र को मनोरंजन स्थल के रुप में कैसे विकसित किया जा सकता है।
सम्मेद शिखरजी को पर्यटक स्थल घोषित करने के विरोध में इंदौर में बाजार बंद रहे, जुलूस भी निकले। सरकार द्वारा अपना फैसला वापस लेने की बात भी सामने आ रही है, लेकिन समाजजनों का कहना है कि सम्मेद शिखर हमारे समाज का सबसे बड़ा तीर्थ है। वहां पर्यटन गतिविधियां नहीं होना चाहिए। वह जैन समाज की आस्था का केंद्र है, वहां मन की शुदि्ध होती है, मनोरंजन कैसे संभव है। सरकार ने आखिर क्या सोचकर पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का नोटिफिकेशन जारी किया।
पवित्रता भंग होगी
पूरे विश्व में सम्मेद शिखर समाज का सबसे बड़ा तीर्थ है। हमारे 24 भगवानों में से 20 को उस शिखर पर्वत पर मोक्ष की प्राप्ति हुई है। हम वहां मन की शुदि्ध के लिए जाते है। यदि पर्यटक वहां आएंगे तो तीर्थ की पवित्रता भंग होगी। पता चला है कि सरकार ने फैसला वापस लिया है, लेकिन अभी अधिकृत घोषणा नहीं हुई है।
अशोक बड़जात्या, अखिल भारतीय दिगंबर जैन समाज,अध्यक्ष
दूसरी गतिविधियां बढ़ती
यदि पर्वत को पर्यटन केंद्र के रुप मेें विकसित किया जाएगा तो वहां दूसरी गतिवधियां बढ़ेगी, होटल, रेस्त्रां खुलेंगे। जैन समाज वहां तीर्थ के भाव से जाता है। पर्यटक वहां जाएंगे तो गंदगी ज्यादा फैलेगी। मांसाहारी पर्यटक भी वहां आएंगे। इससे हमारी भावनाएं आहत होगी।
राजकुमार पाटौदी, अध्यक्ष, दिगंबर जैन सामाजिक संसद, इंदौर
दूसरे स्थल विकसित करे
झारखंड में दूसरे कई पर्वत भी है, जिसे नए सिरे से पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करता है। सम्मेद शिखर जी प्रमुख तीर्थ स्थल है। वहां वैसे ही वर्षभर में काफी लोग आते है और उससे प्रदेश के लोगों को रोजगार भी मिलता है। उसे तीर्थ स्थल के रुप में ही विकसित किया जाना चाहिए, न कि पर्यटन स्थल बनाना चाहिए।– आनंद जैन, इंदौर सीए एसोसिएशन, अध्यक्ष
क्यों नाराज है जैन समाज
झारखंड के सम्मेद शिखर पर्वत को लेकर केंद्र व राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया। जिसका देशभर में विरोध हो रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने फैसला वापस लेने की तैयारी की है। इस पर्वत को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने की तैयारियां प्रदेश सरकार ने कर रखी थी।