मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में बाघ के शिकार मामले में कार्रवाई हुई है। वन मंडल के प्रभारी डीएफओ ने डिप्टी रेंजर और नाकेदार को निलंबित कर दिया है।
सिवनी जिले में पेंच टाइगर रिजर्व से लगे सांख बीट के हिर्री सर्किल में पिछले दिनों करंट लगाकर तीन लोगों ने बाघ का शिकार किया था। इस मामले में पूर्व वन मंडल के प्रभारी डीएफओ ने डिप्टी रेंजर और एक नाकेदार को निलंबित किया है।
दरअसल तीन शातिर आरोपियों ने बाघ को करंट लगाकर शिकार किया गया था, जिसका शव 1 अक्टूबर को वन अमले ने बरामद किया था। इस मामले में लगातार की गई विभागीय जांच में सांख सर्किल के डिप्टी रेंजर और नाकेदार की लापरवाही सामने आई। उसके बाद शुक्रवार को डीएफओ ने दोनों को निलंबित कर दिया। साथ ही उड़न दस्ते द्वारा की गई जांच में भी जंगल में दर्जनों ठूंठ पाएं गए तो वहीं कई तरह की अनियमित्ता भी पाई गईं।
पूर्व वनमंडल के तहत आने वाले चौरई रेंज के सांख सर्किल में लंबे समय से डिप्टी रेंजर तुलसीराम सनोडिया और नाकेदार धीरेन्द्र साहू द्वारा अपने कार्य के प्रति लापरवाही बरती जा रही थी। लापरवाही के चलते ही हिरीं निवासी सीताराम बेलवंशी सहित उसके दो भाई असाडू और शोभेलाल बेलवंशी द्वारा करंट फैलाकर बाघ का शिकार किया गया था। शिकार किए जाने के बाद भी दो दिनों तक खेत में बाघ का शव पड़ा रहा।
लेकिन न तो डिप्टी रेंजर तुलसीराम को इस बात की भनक लगी और न ही नाकेदार धीरेन्द्र को गश्त के दौरान कोई साक्ष्य मिले। बाघ की मौत के बाद भोपाल से आई एसटीएफ, जबलपुर और छिंदवाड़ा का वृत्त स्तरीय उड़न दस्ता सहित डीएफओ द्वारा बनाई गई टीम द्वारा मामले की जांच की गई, जिसमें डिप्टी रेंजर तुलसीराम सनोडिया और नाकेदार धीरेन्द्र साहू की लापरवाही पाए जाने पर उन्हें शुक्रवार को पूर्व वनमंडल के प्रभारी डीएफओ अक्षय राठौर द्वारा निलंबित कर दिया गया।