पटरी पर लौटी वंदे भारत एक्सप्रेस, 

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया, हादसे में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का अगला हिस्सा और माउंटिंग ब्रैकेट क्षतिग्रस्त हुए थे, जिन्हें मुंबई सेंट्रल के कोच केयर सेंटर में  ठीक कर दिया गया है।

देश की तीसरी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस एक बार फिर से पटरी पर लौट आई है। एक दिन पहले भैंसों के झुंड से टकराकर ट्रेन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसे अब ठीक कर दिया गया है। 

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया, हादसे में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का अगला हिस्सा और माउंटिंग ब्रैकेट क्षतिग्रस्त हुए थे, जिन्हें मुंबई सेंट्रल के कोच केयर सेंटर में  ठीक कर दिया गया है। उन्होंने बताया, टक्कर से ट्रेन के महत्वपूर्ण संचालन हिस्से प्रभावित नहीं हुए थे। 

मणिनगर जाते वक्त हुई थी टक्कर 

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने गुरुवार को बताया था कि सुबह करीब 11.15 बजे वटवा स्टेशन से मणिनगर जाते वक्त वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार हुई थी। दोनों स्टेशनों के बीच भैंसों के झुंड के रेलवे लाइन पर आने से यह हादसा हुआ था। हालांकि, इस दुर्घटना में यात्रियों को कोई नुकसान नहीं हुआ था। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, हादसे के कारण ट्रेन को कुछ देर के लिए घटनास्थल पर ही रोक दिया गया था, बाद में जांच के बाद ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना किया गया था।

पीएम मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी

वंदे भारत

वंदे भारत – फोटो : ANI

देश की तीसरी स्वेदश निर्मित हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को छह दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह ट्रेन गांधीनगर से मुंबई सेंट्रल के बीच दौड़ रही है। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे राज्यमंत्री दर्शना जरदोष भी उपस्थित रहे थे।वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। बता दें कि पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर चली थी। वहीं, दूसरी ट्रेन नई दिल्ली से श्री वैष्णो देवी माता, कटरा रूट पर चलाई गई थी। तीसरी वंदे भारत ट्रेन पहले की वंदे भारत ट्रेनों से अलग है। इस नई ट्रेन में यात्री सुविधाओं को देखते हुए कई तरह के परिवर्तन किए गए हैं। नई ट्रेन में कोविड को लेकर भी खास इंतजाम किए गए हैं।गुजरात में चलने वाली इस वंदे भारत ट्रेन में पहली बार KAVACH (Train Collision Avoidance System) तकनीक को लॉन्च किया जा रहा है। इस तकनीक की मदद से दो ट्रेनों की आमने-सामने से होने वाली टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा। इस तकनीक को देश में ही विकसित किया गया है जिसके कारण इसकी लागत काफी कम है। केन्द्र सरकार द्वारा 2022 के बजट में 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के तहत लाने की योजना के बारे में एलान किया गया था।स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड के नाम से प्रसिद्ध यह ट्रेन 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति मात्र 52 सेकंड में प्राप्त कर लेती है। इस ट्रेन में यात्रियों की सुविधाओं के लिए स्लाइडिंग फुटस्टेप्स के साथ-साथ टच फ्री स्लाइडिंग डोर के साथ स्वचालित प्लग दरवाजे भी लगे हुए हैं। एसी की मॉनिटरिंग के लिए कोच कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम, और कंट्रोल सेन्टर व मेन्टेनेन्स स्टाफ के साथ कम्युनिकेशन एवं फीडबैक के लिए GSM/GPRS जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है

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