समाज मैं चली आ रही मान्यताओं के अनुसार समान समुदाय में होने वाली शादियों को ही बेहतर माना जाता है यहां तक कि दूसरे समुदाय में शादी करने को लेकर अक्सर कई तरह के विवाद भी देखने को मिलते हैं इसके विपरीत हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड माॅलिक्यंलर बायोलाॅजी का एक हालिया अध्ययन कई सारे सवाल खड़े कर रहा है अध्ययन के मुख्य वैज्ञानिक और वरिष्ठ लेखक के थंगराज के मुताबिक भारत में एक ही जाति और धर्म में होने वाली शादियों के चलते पुरुषों में बांझपन की समस्याएं तेजी से बढ़ रही है असल में पुरुषों में देखा गया है कि शुक्राणुओं का निर्माण करने वाला ‘ वाई ‘ गुणसूत्र कम होता जा रहा है जो कि आगे चलते बांझपन जैसी समस्या का प्रमुख कारण है
07 में से एक दंपति बांझपन के शिकार पूरी दुनिया में : 50% बचपन समस्याएं पुरुषों में
वैज्ञानिक के 973 बांझपन वाले और 587 सामान्य पुरुषों की जांच की उसके निष्कर्ष निकाला पुरुष बांझपन के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं इसमें पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं और जीवनशैली भी शामिल है इसमें अनुवांशिकी भी एक प्रमुख मुद्दा है।