राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा-पंचायत चुनाव नहीं रुकेंगे, वही 75000 पदों के लिए होगी फिर से चुनावी प्रक्रिया, आरक्षण पर सियासी घमासान

सुप्रीम कोर्ट मध्य प्रदेश में खेती करोड़ में होने जा रहा है पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर रोक लगा दी है जस्टिस ए एम खानविलकर की पीठ ने शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयोग को आदेश दिया कि ओबीसी आरक्षित सीटों को सामान्य श्रेणी में लाए और अधिसूचना जारी करे कोर्ट ने आयोग को फटकार लगाई थी आप राजनीतिक दबाव में हमारे आदेश के खिलाफ काम नहीं कर सकते हैं आप से खेलने की कोशिश ना करें आपका रवैया गैर जिम्मेदाराना हे महाराष्ट्र निकाय चुनाव के मामले में जो तय हुआ है मध्य प्रदेश में लागू करें।
अगर हमारा आदेश नहीं माना गया तो पंचायत चुनाव रद्द किए जा सकते हैं अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी कोर्ट की सख्ती के बाद मप्र सरकार ने शनिवार को होने वाला जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण फिलहाल निरस्त कर दिया सरकार ने कहा कि पंचायत चुनाव में ओबीसी का आरक्षण नहीं होगा बाकी वर्गों का पहले की तरह ही रहेगा वही राज्य निर्वाचन आयोग ने कलेक्टरों से कहा कि वह शनिवार से ओबीसी पदों के लिए कोई आवेदन न ले। आयोग ने ओबीसी आरक्षित पंच सरपंच जनपद पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी राज्य निर्वाचन आयुक्त वंशज प्रताप सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश का अक्षरश: पालन करते हुए चुनाव कराए जाएंगे।

राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह का कहना है कि मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव निरस्त नहीं किए जाएंगे केवल ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था का पालन किया जाएगा प्रदेश में बाकी वर्गों के पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी आयोग इस मसले पर विधिक परामर्श भी ले रहा है सुप्रिया कोर्ट के निर्णय के बाद अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए आरक्षित ओबीसी श्रेणी के तेरह पदों को सामान्य घोषित करने अधिसूचना जारी करने इसके बाद में आरक्षण के हिसाब से इन पदों के लिए नामांकन जमा कराए जाएंगे नई प्रक्रिया में एस एसटी के लिए 22 पर होंगे बाकी शेष 30 पद सामान्य होंगे मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की सीटें सामान्य करने के साथ-साथ पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी रहेगी पंचायत चुनाव के लिए अब केवल एसीसी एसटी आरक्षण रहेंगे सिर्फ पद अनारक्षित होंगे जिला पंचायत सदस्य जनपद पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत के पंच और सरपंच के लिए यह व्यवस्था लागू होगी।

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