आगामी 2022 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए आदिवासी वोट बैंक पर जिस तरह से पूरे देश में जनजातीय सम्मेलन आयोजित किए इसी तरह अब अनुसूचित जाति वोट बैंक को साधने के लिए मध्यप्रदेश में कवायद शुरू हो गई है आगामी समय में देखने में आएगा कि अनुसूचित जाति के सम्मेलन भी होने वाले हैं इन सम्मेलन के बहाने आदि वासी वोट बैंक की तरह अनुसूचित जाति वर्ग के वोट बैंक को मजबूत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रयास शुरू कर दिए हैं प्रत्येक समाज को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने हर स्तर पर प्रयास जहां किए जा रहे हैं वही पिछले उपचुनाव में मध्यप्रदेश में देखने आया है कि अनुसूचित जाति वर्ग का वोट बैंक कम हुआ है इस लिहाज से अब अनुसूचित जाति को पूर्व करने के लिए विभिन्न योजनाओं के साथ एक नया रूप देखने को मिलेगा जो राष्ट्रीय स्तर तक सोच में विचार में लिया है इसमें अभी तक राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं सहित और भी नई योजनाएं भारतीय जनता पार्टी सरकार घोषित कर सकती है अब देखना यह है कि भारतीय जनता पार्टी इसमें कितना सफल होती है मध्य प्रदेश के विंध्य और चंबल संभाग में अनुसूचित जाति वर्ग की वोट संख्या अत्यधिक है उसी तरह प्रदेश में भी कुछ जगहों पर एक वोट प्रतिशत इस वर्ग का है जो आगामी चुनाव में अपने मायने रखता है क्योंकि पिछले 28 विधानसभा उपचुनाव में अनुसूचित जाति वर्ग के कई विधायक भारतीय जनता पार्टी ने इस समीकरण के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी का चिंतन मनन वोट बैंक को लेकर चल रहा है और सम्मेलन आयोजित कर उनको साधने की कवायद निरंतर जारी है। अभी हाल ही में हुए चुनाव मैं वोट प्रतिशत की जीत कम होने की वजह से मजबूरन भारतीय जनता पार्टी को यह निर्णय लेना पड़ रहे हैं वह अपनी जमीन राष्ट्रीय स्तर को प्रदेश स्तर पर इस बहाने मजबूत करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही 15 नवंबर को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जनजाति गौरव दिवस भारतीय जनता पार्टी ने जहां बनाया जो भी आदिवासी वोट बैंक को साधने का बहाना था जाहिर होता है कि आने वाले समय में और भी कहीं सम्मेलन विभिन्न समाजों के हो सकते हैं जिसके प्रयास लगातार मध्य प्रदेश सरकार और संगठन लगातार लगे हुए।