इंडोनेशिया ने भारत की बड़ी मांग के आगे घुटने टेक दिए हैं,

भारत ने डब्ल्यू बुश प्रशासन के दूसरे कार्यकाल के दौरान ही नई दिल्ली आने वाले वैश्विक राजनेताओं के पाकिस्तान जाने की नीति का विरोध करना शुरू कर दिया था। इसे डी-हाइफ़नेशन नीति के तौर पर देखा जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य भारत के प्रति अमेरिकी विदेश नीति को पाकिस्तान के प्रति अपनी नीति से अलग करना था। भारत की इसी नीति के तहत फरवरी 2019 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद ने एक महीने में अलग-अलग भारत और पाकिस्तान की यात्रा की थी।

 इस महीने के अंत में भारत की यात्रा के बाद मलेशिया जाएंगे। राष्ट्रपति सुबियांटो इस साल भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं। 1950 के बाद से यह चौथी बार है जब कोई इंडोनेशियाई नेता इस अवसर पर उपस्थित होगा। पहले राष्ट्रपति सुबियांटो के भारत के बाद पाकिस्तान जाने की उम्मीद थी लेकिन, मोदी सरकार की नाराजगी को देखते हुए इंडोनेशिया ने प्लान को बदल दिया है। इसे पाकिस्तान के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *