मेरिका में 5 नवम्बर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। दुनिया भर की नजर इन चुनाव पर होगी, जिसमें अमेरिकी नागरिक देश के नए राष्ट्रपति को चुनने के लिए मतदान करेंगे। इस बार चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच सीधा मुकाबला होगा। इन चुनावों का असर सिर्फ केवल अमेरिकी लोगों नहीं बल्कि दुनिया पर भी पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका का राष्ट्रपति अमेरिकी सेना का सुप्रीम कमांडर भी होता है। जिनमें एक्टिव-ड्यूटी सैनिक, रिजर्व और घरेलू स्तर पर तैनात नागरिक कर्मचारी थे। इन आंकड़ों में आकस्मिक परिचालन में तैनात सैनिक, अस्थायी ड्यूटी पर तैनाती, विमान वाहक या अन्य नौसैनिक बेड़ों पर तैनात सैनिक शामिल नहीं हैं।वो अमेरिकी सेना जिसकी मौजूदगी दुनिया के लगभग हर हिस्से में हैं।अमेरिका की घरेलू और विदेशी दोनों जगहों पर मजबूत सैन्य उपस्थिति है। अमेरिकी सेना में 13 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जो देश और विदेश में तैनात हैं। सितम्बर 2023 तक अमेरिका में 26.3 लाख सैन्य कर्मी थे,
सितम्बर 2023 में सबसे ज्यादा अमेरिकी सैनिक तैनात करने वाले देशों में जापान शीर्ष पर था, जहां 53,246 अमेरिकी सैन्य कर्मी हैं। इसके बाद जर्मनी (35,188), दक्षिण कोरिया (24159), इटली (12405) और ब्रिटेन (9,949) का नंबर है। ये सैनिक अमेरिका के स्वामित्व वाले या उसके द्वारा संचालित सैन्य ठिकानों पर तैनात हैं।पिछले 20 सालों में अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध पर 8 ट्रिलियन डॉलर खर्च किए हैं। ब्राउन यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार, अफगानिस्तान में युद्ध पर 2.3 ट्रिलियन डॉलर खर्च हुए हैं। इराक और सीरिया में युद्धों पर 2.1 ट्रिलियन डॉलर खर्च हुए।