बिहार में अब पेपर लीक करने वालों की खैर नहीं,1 करोड़ रुपये जुर्माना और 10 साल की जेल

बिहार में अब कोई अपराधी किसी परीक्षा का पेपर लीक करने से पहले कम से कम 10 बार सोचेगा. नीतीश कुमार सरकार ने अब पेपर लीक को बेहद गंभीरता से लेते हुए एक नया कानून बना दिया है. इस कानून के तहत पेपर लीक करने वालों पर भारी जुर्माने के साथ-साथ सजा का भी प्रावधान है. बिहार विधानसभा में एंटी पेपर लीक बिल (बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक) पास हो गया है. इस विधेयक के पास होने के बाद अब राज्य में किसी भी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने वाले को कड़ी सजा का मिलेगी. इसमें दस साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माने के अलावा दोषियों की संपत्ति ज़ब्त करने का भी प्रावधान है. बिहार में अब कोई अपराधी किसी परीक्षा का पेपर लीक करने से पहले कम से कम 10 बार सोचेगा. नीतीश कुमार सरकार ने अब पेपर लीक को बेहद गंभीरता से लेते हुए एक नया कानून बना दिया है. इस कानून के तहत पेपर लीक करने वालों पर भारी जुर्माने के साथ-साथ सजा का भी प्रावधान है. बिहार विधानसभा में एंटी पेपर लीक बिल (बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक) पास हो गया है. इस विधेयक के पास होने के बाद अब राज्य में किसी भी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने वाले को कड़ी सजा का मिलेगी. इसमें दस साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माने के अलावा दोषियों की संपत्ति ज़ब्त करने का भी प्रावधान है. हाल ही में हुए नीट-यूजी पेपर लीक मामले ने सबको चौंका दिया है. इस पेपर लीक मामले के तार दिल्‍ली, बिहार सहित कई राज्‍यों तक जुड़े हैं. बिहार से कई लोगों की गिरफ्तारी इस मामले में हो चुकी है. बिहार विधानसभा में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधेयक का प्रस्ताव रखा, जो पास हो गया. उन्होंने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि आम तौर पर ऐसी परीक्षाएं नामांकन और सरकारी सेवाओं के लिए आयोजित होती हैं. ऐसे में गड़बड़ी की शिकायतें आती रहती थी. विजय कुमार चौधरी ने कहा कि हाल के दिनों में आई गड़बड़ी के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकार इसे लेकर चिंतित थी. उन्होंने बताया कि 1981 में भी ऐसे प्रयास किए गए थे. लेकिन, आज के समय में वह निष्प्रभावी हो गए थे. राज्य सरकार की तरफ से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं में भी यह कानून लागू होंगे. केंद्र सरकार पहले ही ऐसा कानून बना चुकी है. बिहार विधानसभा में सदन में जब इस बिल पर चर्चा हो रही थी, तब विपक्ष ने अपने मांगों के समर्थन में बहिष्कार किया था. इस पर नीतीश कुमार काफी खफा नजर आए. विरोधी दलों के नेताओं ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा. सदन के बाहर प्रदर्शन किया. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रदेश की कानून-व्यवस्था और लगातार गिर रहे पुल-पुलियों को लेकर सरकार की तीखी आलोचना की गई. प्रदर्शन के दौरान पोस्टर लेकर विपक्षी नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सदन में सफाई देने की मांग की. भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि गृह विभाग उनके नियंत्रण में नहीं है और कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. 26 जुलाई तक चलने वाले इस सत्र में कुल 5 बैठकें होंगी. सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. एक तरफ विपक्ष राज्य में लगातार बढ़ते अपराध, पेपर लीक और एक के बाद एक गिरते पुल पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार राज्य में एंटी पेपर लीक बिल समेत कई अहम बिल को सदन में रखने की तैयारी में है.

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