जन्‍मदि‍वस पर दो आतंकियो को मार कर शहीद हुआ सतना का बहादुर बेटा कर्णवीर शहीद

जम्मू कश्मीर के शोपियां में भारत मां की रक्षा करते हुए सतना का लाल शहीद हो गया मंगलवार रात के आतंकियों के साथ चल रही मुठभेड़ मैं भारतीय सेना के जवानों के दल के साथ सतना का लाल करणवीर भी मोर्चा संभाले हुए था। लेकिन इसी बीच सुबह लगभग 4:00 बजे आतंकियों की गोली उनके सिर और विनय पर लग गई इस मतभेद में पांच और जवान घायल भी हुए हैं।

शहादत की खबर जैसे ही परिजनों को मिली उनका तब से रो रो कर बुरा हाल है लेकिन गर्व से सीना चौड़ा है बेटे के शहीद होने की खबर मिलने पर मां की तबीयत खराब हो गई शहीद करणवीर सिंह को पार्थिव देह को गुरुवार जम्मू में सलामी दी जाएगी उनके बात पार्थिव शरीर गुरुवार की देर रात तक उनके दर ग्रह ग्राम लाया जाएगा जहां उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी

दो भाइयों में छोटा करणजीत की उम्र 26 वर्ष की। एक बात को कितनी बार नहीं हुआ था लेकिन बड़े भाई की शादी हो गई थी। मंगलवार सुबह इससे पहले की बात हुई थी लेकिन फिर उनके बाद फोन नहीं उठा। आज दोपहर 12:00 बजे तक का को सूचना मिली कि उनका नाम में देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी है। यह खबर मिलते ही माहौल गमगीन हो गया। मां का रो-रो कर बुरा हाल है।

21 राजपूत रेजीमेंट 14 आरआर के वीर जवान करणवीर सिंह राजपूत अपना स्वर एवं वीरता दिखाते हुए वीरगति को प्राप्त हुए हैं। कोलवी सतना शहर के वार्ड नंबर 22 तेली के रहने वाले रिटायर्ड फौजी राजू सिंह के सुपुत्र के शहीद करणवीर सतना जिले के ग्राम दलदल के मूल निवासी है। वे 2017 में सूबेदार पद पर सेना में भर्ती हुए थे। 2 महीने बाद ही वह सपना आए थे। शहीद के पिता रवि कुमार सिंह भी सेना में सूबेदार थे।

शहीद करणवीर सिंह के पिता रिटायर्ड मेजर रवि कुमार सिंह राजू ने कहा कि मुझे बेटे की शहादत पर गर्व है। मेरे बेटे ने देश के लिए जान निछावर की है। मुझे गर्व है, मैं सीना चौड़ा करके चल सकता हूं। मरना जीना तो लगा रहता है, लेकिन सेना में इज्जत-सम्मान है। इसलिए मैंने अपने बेटे को भी सेना में भेजा था।

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