भोपाल, 01 जुलाई मध्यप्रदेश के चर्चित नर्सिंग घोटाले को लेकर आज विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा किया, जिसके चलते कार्यवाही लगभग एक घंटे के लिए स्थगित रही। आखिरकार अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सरकार और विपक्ष की बातें सुनने के बाद कहा कि वे इस मुद्दे पर मंगलवार को उचित नियम के तहत चर्चा करवाएंगे। अध्यक्ष के आश्वासन के बाद सदस्य शांत हो गए और सदन की कार्यवाही आगे बढ़ गयी। इसके बाद कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण किया गया और दिन में लगभग डेढ़ बजे कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गयी। मामले में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि सरकार सदन में चर्चा से भाग नहीं रही है। इस मामले में स्थगन की बजाय ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है। इसके पहले सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के बीच काफी नोंकझोंक होती रही।
अध्यक्ष श्री तोमर ने सभी की बातों को सुनने के बाद कहा, “देखिए, दरअसल कोई ग्राह्यता पर चर्चा नहीं हो रही है, जो सब लोग बोलें। मेरा कृपा करके अनुरोध है कि नेता प्रतिपक्ष की बात भी सामने आ गई। माननीय संसदीय कार्य मंत्री जी ने भी अपनी बात रखी और माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी रखी है। हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं कि यह सदन चर्चा के लिए है और चर्चा से न सत्ता पक्ष को भागने की जरूरत है न विपक्ष को भागने की जरूरत है। सब विषय के प्रति चिंतित हैं तो निश्चित रूप से दोनों पक्षों को मैंने सुना है, लेकिन सदन नियम, प्रक्रियाओं और परंपराओं से चलता है। पुरानी भी बहुत सारी परंपराएं हैं। स्थगन के पीछे भी जो आपात स्थिति होती है और वह जो भावना होती है, तो स्थगन की चीज को, जो भावना है, उसको भी कमजोर नहीं करना चाहिए और मैंने दोनों पक्षों की बात को सुना है। अलग से भी बात की है। सदन में भी बात सुनी है और मैं प्रतिपक्ष को कहना चाहता हूं कि इसको आप दोनों लोगों ने मुझ पर छोड़ने के लिए कहा है। मैं कल उचित नियम के तहत इस पर चर्चा कराऊंगा।”
अध्यक्ष के आश्वासन के बाद मामला शांत हो गया और फिर अध्यक्ष ने कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण किया। इसके बाद कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
इसके पहले सदन में प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नर्सिंग घोटाले को उठाया और स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने औचित्य का प्रश्न उठाते हुए इस पर आपत्ति दर्ज करायी और कहा कि यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में है और इस पर चर्चा नहीं हो सकती है। इसका श्री सिंघार समेत अनेक कांग्रेस विधायक ने विरोध किया और कहा कि क्या इसके कारण हम चर्चा से भाग नहीं सकते हैं। इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस के सदस्य एकसाथ बोलते रहे और सदन हंगामे में डूब गया। कांग्रेस के सदस्यों ने एक मंत्री का नाम लेकर भी टिप्पणियां कीं, जिस पर सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने आपत्ति की और कहा कि व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं। श्री विजयवर्गीय की आपत्ति के बाद अध्यक्ष श्री तोमर ने संबंधित टिप्पणियों को कार्यवाही से विलोपित कर दिया। अध्यक्ष ने सदस्यों से शांत रहने का अनुरोध किया, लेकिन हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने कार्यवाही दोपहर एक बजे तक एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। सदन समवेत होने पर फिर इसी मामले को लेकर काफी हंगामा हुआ और फिर मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अध्यक्ष की व्यवस्था के चलते इस मामले का पटाक्षेप हाे गया।
इस कथित घोटाले के प्रतीकात्मक तौर पर विरोध में कांग्रेस के ज्यादातर सदस्य आज सदन में चिकित्सकों की तरह सफेद कोट पहन कर पहुंचे थे। उन्होंने विधानसभा परिसर में भी नारेबाजी और हंगामा किया।
सोलहवीं विधानसभा के तीसरे सत्र की आज शुरूआत हुयी है, जो 19 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान कुल 14 बैठक प्रस्तावित हैं। तीन जुलाई को राज्य सरकार अपना बजट भी पेश करेगी। सरकार ने लोकसभा चुनावों के चलते एक अप्रैल 2024 से 31 जुलाई 2024 तक लेखानुदान पेश किया था, जिसे सदन ने फरवरी मार्च के सत्र के दौरान स्वीकृति प्रदान की थी। अब शेष आठ माह के लिए मोहन यादव सरकार अपना पहला बजट ला रही है।