NEET मामले में CBI जांच की मांग पर आठ जुलाई को सुनवाई, री-एग्जाम और काउंसलिंग रोकने पर सुप्रीम कोर्ट ने की ये टिप्पणी

नई दिल्ली। मेडिकल के पाठ्यक्रम में प्रवेश की परीक्षा नीट यूजी में हुई गड़बड़ियों और पेपर लीक की सीबीआई जांच कराने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने नीट के संबंध में विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित कर एक साथ सुनवाई करने की मांग वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की याचिका पर भी नोटिस जारी किया है।कोर्ट ने सभी याचिकाओं को पहले से लंबित याचिकाओं के साथ संलग्न करते हुए आठ जुलाई को सुनवाई पर लगाने का निर्देश दिया है। हालांकि कोर्ट ने शुक्रवार को भी काउंसलिंग पर रोक का आदेश नहीं दिया। कोर्ट ने कहा कि वह जानता है कि यह 24 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल है। मामले में नोटिस जारी होने के बाद भी जब सीबीआई जांच की मांग कर रहे याचिकाकर्ता छात्रों के वकील ने बहस जारी रखी तो सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और संदीप मेंहता की पीठ ने कहा कि क्या आज ही सीबीआइ जांच का एकतरफा आदेश दिया जा सकता है?

कोर्ट ने कहा – जवाब आने दीजिए

कोर्ट ने कहा कि मामले में एनटीए का जवाब आने दीजिए, नोटिस जारी किया गया है। वकील ने कहा कि उनकी कुछ और मांगें हैं, जिन पर तत्काल राहत मिलनी चाहिए। जैसे कि एनटीए जुलाई में काउंसलिंग शुरू होने से पहले प्रत्येक छात्र का ब्योरा दे। ये 24 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल है। 24 लाख छात्रों के भविष्य के सवाल पर पीठ ने कहा कि ये सारी बातें वे समझते हैं और उन्हें ये सब मालूम है। तभी एक वकील ने कहा कि कोटा में छात्र आत्महत्या कर रहे हैं, जिस पर जस्टिस विक्रमनाथ ने कहा आप यहां बेवजह की भावनात्मक दलीलें न दें।

याचिकाकर्ता छात्रों की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि एनटीए ने तथ्यों को छुपाते हुए कल का आदेश हासिल किया है। एनटीए ने नीट पास करने वाले और नीट में फेल हुए छात्रों की संख्या नहीं बताई है। इसके बजाए नीट ने सभी 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा कराने की बात कही है। इस दलील पर कोर्ट ने कहा कि वह अपनी आपत्तियां दाखिल करें उस पर विचार किया जाएगा। हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि वह काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाएगा।

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