मध्य प्रदेश में आने वाले समय में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के अलावा भी तीसरे मोर्चे की आहट दिखाई देने लगी है जो दूसरे दल हैं उनमें बहुजन समाज पार्टी,गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, समाजवादी पार्टी ,आम आदमी पार्टी सहित लगभग एक दर्जन राजनीतिक पार्टियां 2023 के होने वाले चुनाव में जो अजमाइश करने जा रही हैं,
अभी हाल ही में बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच गठबंधन हुआ है जिसमें बहुजन समाज पार्टी 178 सीटों पर और गोंडवानाथन पार्टी लगभग 57 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच में हुए समझौते के अनुसार सीटों का बंटवारा सोच समझकर किया गया है जिससे कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वोट इधर-उधर ना हो सके और तीसरी शक्ति के रूप में अगले विधानसभा चुनाव में वह उतारे क्योंकि अनुसूचित जनजाति की 47 सिम और अनुसूचित जाति की 35 सिम मध्य प्रदेश में आरक्षित हैं इस हिसाब से 82 सीटों पर सीधा-सीधा एससी और एसटी का प्रभुत्व है वही अन्य सीटों पर भी इन समाजों का चुनाव को फिर बदल करने में योगदान रहेगा उधर बताया जाता है कि कांग्रेस पार्टी, जयस और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने जा रही है हो सकता है कि यह गठबंधन कुछ करिश्मा दिखा सके लेकिन जिस तरह से आदिवासी वोट बैंक को लेकर दोनों बड़े दलों की खिस्तान चल रही है उससे ऐसा लगता नहीं है लेकिन देखने में आ रहा है कि जो तीसरा मोर्चा मध्य प्रदेश में उतरने जा रहा है वह बड़ा उलट फिर इस विधानसभा चुनाव में कर सकता है
आम आदमी पार्टी भी आदिवासी संगठनों से गठबंधन करने का सोच रही है अब देखना यह है कि आचार संहिता लगते-लख्ते किन-किन दलों का गठबंधन उभर कर सामने आने वाला है लेकिन यह तो तय है कि अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के वोटो का प्रभाव इस विधानसभा चुनाव में 230 सीटों पर देखने को मिलेगा खास तौर से आदिवासी बहुल क्षेत्र में ,ऊंट के स्वर करवट बैठ यह कहा नहीं जा सकता लेकिन आभास और महसूस होता है कि मध्य प्रदेश में उलट फेर की संभावना है ।