रेलवे का इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम, जिसकी वजह से चली गईं 275 जिंदगियां|

 जब कोई ट्रेन किसी रूट पर चलती है तो इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से ट्रेंड सेंसर्स उसकी रफ्तार, स्थिति और बाकी जानकारियों का पता लगाते हैं. यह इन्फॉर्मेशन सिग्नलिंग सिस्टम को भेजा जाता है. इसके बाद सिग्नलिंग सिस्टम या उस रेल के लिए सटीक सिग्नल भेजेगा, जिससे उसकी रफ्तार, रुकावट और बाकी सेंसर्स को नियंत्रित किया जाता है. 

Odisha Train Accident: क्या है रेलवे का इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम, जिसकी वजह से चली गईं 275 जिंदगियां

 ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे ने हर किसी को दहला दिया है. अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस घटना का कारण बताया है. उन्होंने इस घटना की वजह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में गड़बड़ी को बताया है. रेल मंत्री ने कहा कि जो इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं, उनकी पहचान हो चुकी है और जल्द ही उन पर एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि घटना के बाद अब ट्रैक की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. बुधवार सुबह से ट्रैक पर ट्रेनें दौड़नी शुरू हो जाएंगी. इस हादसे में अब तक 275 लोगों की मौत हो चुकी है और 1000 लोग घायल हैं.

दरअसल सिग्नलिंग को कंट्रोल करने के लिए रेलवे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का इस्तेमाल करता है. यह एक सिक्योरिटी सिस्टम है, जो ट्रेनों की सुरक्षा के लिए सिग्नल और स्विच के बीच ऑपरेटिंग सिस्टम को कंट्रोल करता है. 

इस सिस्टम के जरिए ट्रैक्स पर अवरुद्ध और सुरक्षित ट्रेनों की सिक्योरिटी को सुनिश्चित किया जाता है. इससे रेल यार्ड के कामों को इस तरह से नियंत्रित किया जाता है, जो कंट्रोल्ड क्षेत्र के जरिए ट्रेन का सुरक्षित रूट सुनिश्चित करता है. इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग,सिग्नलिंग का ऐसा सिस्टम है, जिसमें इलेक्ट्रो-मैकेनिकल या पहले से यूज हो रहे पैनल इंटरलॉकिंग की कई खासियतें हैं.

जब कोई ट्रेन किसी रूट पर चलती है तो इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से ट्रेंड सेंसर्स उसकी रफ्तार, स्थिति और बाकी जानकारियों का पता लगाते हैं. यह इन्फॉर्मेशन सिग्नलिंग सिस्टम को भेजा जाता है. इसके बाद सिग्नलिंग सिस्टम या उस रेल के लिए सटीक सिग्नल भेजेगा, जिससे उसकी रफ्तार, रुकावट और बाकी सेंसर्स को नियंत्रित किया जाता है. यह प्रोसेस लगातार चलती रहती है, जिससे ट्रेनों को सही सिग्नल मिलते रहते है

अगर सिस्टम में खराबी आती है तो उस स्थिति में सिग्नल रेड हो जाता है, वह इसलिए इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटरलॉकिंग एक नाकाम सेफ सिस्टम है. कुछ दिक्कतें बाहरी भी हो सकती हैं. इनसमें खराबी और ह्यूमन एरर शामिल है. 

news reporter raju markam 9301309374

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