US: राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने फिर साधा बीजिंग पर निशाना, कहा- ‘चीनी लैब से निकला है कोविड-19’

US News: निक्की हेली ने हाल ही में कहा था कि सत्ता में आने पर वह अमेरिका से नफरत करने वाले देशों को मिलने वाली विदेशी सहायता में एक-एक फीसदी की कटौती करेंगी. 

Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810

US: राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने फिर साधा बीजिंग पर निशाना, कहा- ‘चीनी लैब से निकला है कोविड-19’

Nikki Haley News: अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने मंगलवार को कहा कि कोविड संभवतः चीन की एक लेबोरेटरी से आया है. उन्होंने अमेरिका द्वारा चीन को दी जा रही मदद में कटौती करने की बात कही. 

हेली ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘कोविड-19 संभवतः एक चीनी लेबोरेटरी से आया है. अमेरिकी मदद में कटौती करें. कम्युनिस्ट चीन के लिए एक पैसा भी नहीं.‘

चीन-पाकिस्तान की फंडिंग रोकने का वादा
हेली ने हाल ही में कहा था कि सत्ता में आने पर वह अमेरिका से नफरत करने वाले देशों को मिलने वाली विदेशी सहायता में एक-एक फीसदी की कटौती करेंगी. इसमें चीन, पाकिस्तान और अन्य विरोधी शामिल हैं क्योंकि एक ‘मजबूत अमेरिका बुरे लोगों को भुगतान नहीं करता है.’

न्यूयॉर्क पोस्ट में एक ऑप-एड में, दक्षिण कैरोलिना के पूर्व गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के पूर्व राजदूत ने कहा कि डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन राष्ट्रपति प्रशासन दोनों ने पिछले साल विदेशी सहायता पर 46 अरब डॉलर खर्च किए हैं, जो चीन पाकिस्तान और इराक जैसे देशों को दिए गए.

विदेशी सहायता में एक-एक प्रतिशत की कटौती करूंगी
दक्षिण कैरोलिना के पूर्व गवर्नर ने कहा,  ‘मैं उन देशों को दी जा रही विदेशी सहायता में एक-एक प्रतिशत की कटौती करूंगी जो हमसे नफरत करते हैं. एक मजबूत अमेरिका बुरे लोगों का भुगतान नहीं करता है. हमारे लोगों की गाढ़ी कमाई बर्बाद मत करो. केवल वही नेता हमारे भरोसे के लायक हैं जो हमारे दुश्मनों खिलाफ और और हमारे दोस्तों के साथ खड़े हैं.‘

हेली ने कहा कि करदाताओं को यह जानना चाहिए कि उनका पैसा कहां और किस लिए दिया जा रहा है. वे यह जानकर चौंक जाएंगे कि इसका अधिकांश हिस्सा अमेरिकी विरोधी देशों और कामों की फंडिंग में चला जाता है.

डब्ल्यूएचओ
इस महीने की शुरुआत में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने कहा था कि संगठन तब तक जोर लगाना जारी रखेगा जब तक कि उसे इस बात का जवाब नहीं मिल जाता कि कोविड-19 महामारी कैसे शुरू हुई. उनका यह बयान एक एक रिपोर्ट के बाद आया था जिसमें यह संकेत दिया गया कि डब्ल्यूएचओ ने यह खोज छोड़ दी है कि महामारी कैसे शुरू हुई.

टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस 2019 के अंत में चीन में पहली बार फैलने वाले वायरस की उत्पत्ति की खोज का जिक्र करते हुए कहा, ‘जब तक हमें जवाब नहीं मिल जाता, तब तक हमें धक्का देना जारी रखना चाहिए.‘

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